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देवरिया जिले के श्रीरामपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक विद्यालय के प्रबंधक पर नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता की मौसी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
थाना श्रीरामपुर
Deoria: देवरिया जनपद के श्रीरामपुर थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। एक निजी विद्यालय के प्रबंधक पर नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगा है। समाज में जहां शिक्षक और गुरु को सम्मान का सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है, वहीं इस घटना ने ‘गुरु’ शब्द की गरिमा को कलंकित करने का कार्य किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता की मौसी ने थाने में तहरीर देकर बताया कि उनकी नाबालिग भांजी को विद्यालय के प्रबंधक ने बहला-फुसलाकर अपने कार्यालय में बुलाया और उसके साथ घिनौनी हरकत को अंजाम दिया। बच्ची ने घर पहुंचकर रोते-बिलखते हुए पूरी घटना बताई, जिसके बाद परिजन तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारियों ने तुरंत विद्यालय परिसर पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी बुलाया गया, जिन्होंने ऑफिस और आसपास के क्षेत्रों से आवश्यक नमूने संकलित किए।
अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) सुनील कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी प्रबंधक को हिरासत में ले लिया गया है और प्राथमिक पूछताछ चल रही है। उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जांच को अत्यधिक गोपनीयता और सावधानी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा और आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
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घटना के बाद विद्यालय के आसपास भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और बच्ची के परिवार को न्याय दिलाने की बात कही। क्षेत्र के कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए सरकार से सख्त कानून लागू करने की मांग उठाई है, ताकि ऐसे अपराधियों में डर कायम हो सके। फिलहाल आरोपी प्रबंधक पुलिस हिरासत में है और विस्तृत पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की भी जांच की जा रही है, ताकि घटना से जुड़े तथ्यों को मजबूत किया जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि जिन संस्थानों में बच्चों के भविष्य का निर्माण होता है, क्या वहां वे सुरक्षित हैं? समाज और प्रशासन दोनों के लिए यह एक बड़ा चिंतन का विषय है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और पीड़िता को न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है।