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उत्तर प्रदेश के संभल में एकता चौकी के पास दशकों पुराना प्राचीन कुआं मिलने से सनसनी फैल गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर इसकी खुदाई शुरू हुई है, लेकिन विशाल पेड़ के कारण कार्य बाधित है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह कुआं 1978 के दंगों की एक घटना से जुड़ा हो सकता है।
संभल में मिले कुएं की खुदाई शुरू (Img: Google)
Sambhal: संभल जिले के महमूदखां सराय क्षेत्र में बुधवार को उस समय सनसनी मच गई जब एकता चौकी के पास झाड़ियों और मिट्टी के ढेर के बीच छुपा एक पुराना कुआं सामने आया। यह कुआं लंबे समय से बंद पड़ा था और इसके बारे में केवल कुछ पुराने निवासी ही जानते थे। बुधवार सुबह डीएम के निर्देश पर नगर पालिका टीम ने सफाई और खुदाई का कार्य शुरू कराया, जिसके बाद कुएं का मुहाना खुलकर सामने आया।
खुदाई में बाधा बना पेड़
दरअसल, खुदाई के दौरान सामने आया विशाल पेड़ कार्य में बड़ी बाधा बन गया। पेड़ की जड़ें कुएं के ढांचे में गहराई तक समाई हुई थीं, जिसके कारण खुदाई को फिलहाल रोकना पड़ा। वन विभाग की टीम को पेड़ को सुरक्षित तरीके से हटाने का जिम्मा सौंपा गया है, ताकि आगे की खुदाई बिना नुकसान के पूरी की जा सके। मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार और ईओ मणिभूषण तिवारी ने स्थिति का निरीक्षण किया और टीम को सजगता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
क्या दंगों से जुड़ा हुआ है कुएं का अतीत?
गौरतलब है कि इस कुएं को लेकर स्थानीय लोगों के बीच वर्षों से कई तरह की चर्चाएं रही हैं। बताया जाता है कि 1978 के दंगों के दौरान एक व्यापारी की हत्या के बाद उसके शव को इसी कुएं में फेंक देने की बात सामने आई थी। हालांकि उस समय न तो कोई ठोस सबूत मिला और न ही प्रशासन ने इसकी पुष्टि की। अब जब कुएं की दोबारा खुदाई शुरू हुई है तो पुरानी चर्चाएं फिर जोर पकड़ने लगी हैं।
प्रशासन का कहना है कि अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है और केवल विस्तृत खुदाई व जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति सामने आएगी। एहतियातन इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आम लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
खुदाई से खुलेंगे रहस्य
नगर पालिका कर्मियों द्वारा कुएं के भीतर कचरा और मिट्टी हटाई जा रही है, लेकिन कुएं की गहराई तक पहुंचने के लिए पेड़ को हटाना आवश्यक है। सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने बताया कि डीएम और एसपी के क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों ने इस कुएं की जानकारी दी थी। इसके बाद तुरंत कार्रवाई कर खुदाई शुरू कराई गई। उन्होंने कहा, “स्थानीय लोगों में तरह-तरह की बातें हैं, लेकिन सत्य क्या है, यह केवल गहराई तक खुदाई करने के बाद ही पता चलेगा।”
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इलाके में कौतूहल और चिंता का माहौल
कुएं की खबर फैलते ही आसपास के मोहल्लों में हलचल बढ़ गई। लोग उत्सुकता से स्थल पर जमा हो रहे हैं, वहीं प्रशासन उन्हें दूर रखने की कोशिश कर रहा है। कुछ लोग इस कुएं को ऐतिहासिक महत्व का मान रहे हैं, तो कुछ इसे बीते हुए दंगों की कड़वी यादों से जोड़ रहे हैं।