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महराजगंज के सोहगीबरवा वन क्षेत्र के रिसालपुर भोतहा गांव में एक तेंदुआ अचानक आबादी में घुस आया और पांच लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें दो गंभीर रूप से घायल हो गए। बकरी पर झपटने के बाद तेंदुए ने ग्रामीणों को भी निशाना बनाया। वन विभाग की अनुपस्थिति पर स्थानीय लोग नाराज़ हैं।
तेंदुये के हमले में घायल राजकुमार
Maharajganj: महराजगंज जिले के सोहगीबरवा वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रिसालपुर भोतहा गांव में मंगलवार की दोपहर दिखाई दिए एक तेंदुए के अचानक गांव में प्रवेश करने के दहशत का माहौल हो गया है। बताया जा रहा है कि जंगल से होते हुए भटककर आया तेंदुआ झाड़ियों में छिप गया और जैसे ही उसे मौका मिला उसने उसने लोगों पर हमला बोल दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सोहगीबरवा में घटी यह घटना इतनी भयावह थी कि इससे कुछ ही देर में गांव का माहौल बदल गया और हर ओर चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण के अनुासर, तेंदुआ पहले तो एक बकरी पर झपटने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान, जब बकरी चरा रहे एक लड़के ने जब उसे बचाने की कोशिश की तो तेंदुए ने उस पर अचानक हमला कर दिया। लड़के की चीख सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीण राजकुमार, विकास और राजेश भी उसकी मदद के लिए आगे बढ़े, लेकिन तेंदुए ने उन पर भी हमला कर दिया।
हमले में घायल हुए ग्रामीण बताते हैं कि तेंदुआ बिजली की तेजी से झपटता और किसी को सिर तो किसी को हाथ-पैर पर गहरा पंजा मार देता। राजकुमार ने बताया कि हम समझ ही नहीं पाए कि वह कहां छुपा है। जैसे ही पास पहुंचे, उसने हम पर हमला कर दिया। हम किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर भागे। मौके पर पंचायत द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुल पांच लोग हमले में घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों का इलाज लक्ष्मीपुर CHC में कराया गया है।
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घटना के बाद ग्रामीणों में वन विभाग की भूमिका को लेकर नाराज़गी है। घायलों का आरोप है कि अभी तक विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनका हाल-चाल लेने तक नहीं पहुंचा। पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं और रोज़मर्रा की मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से उचित मुआवजा, सुरक्षित इलाज व तेंदुए की निगरानी की मांग की है।
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घटना के बाद से गांव में भय और तनाव का माहौल है। जंगल से सटे होने के कारण ग्रामीण हर समय खौफ के साये में जी रहे हैं। खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है और रात में पहरा तक लगाना पड़ रहा है। कई ग्रामीणों का कहना है, “तेंदुए के डर से रात में नींद नहीं आती। पता नहीं वह कब दोबारा हमला कर दे।” ग्रामीणों ने सरकार से जंगल की सीमा पर मजबूत ताड़बंदी कराने, नियमित वनकर्मियों की तैनाती और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है।