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फतेहपुर पुलिस ने भगवानपुर गांव में फर्जी IPS और इंस्पेक्टर बनकर देशभर में साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 16 नामजदों पर मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह पोर्न वीडियो देखने का आरोप लगाकर लोगों से वसूली करता था।
साइबर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब
Fatehpur: यूपी के फतेहपुर जिले के गाजीपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में संचालित साइबर ठगी के बड़े रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। यह गिरोह नकली IPS और पुलिस इंस्पेक्टर बनकर पूरे देश में लोगों को फोन करता था और पोर्न वीडियो देखने का आरोप लगाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। पुलिस ने इस मामले में 16 नामजद लोगों पर मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि गांव के दो दर्जन से अधिक लोग इस रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
साइबर सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए तीनों शातिर आरोपी बिना किसी डिग्री या पुलिस प्रशिक्षण के खुद को IPS या थानेदार बता दिया करते थे। वे पीड़ितों को कॉल कर पहले अपराध का हवाला देते और फिर "गिरफ्तारी से बचाने" के नाम पर भारी रकम वसूल लेते थे।
पुलिस के अनुसार, ये सभी आरोपी टेक-सेवी हैं और अलग-अलग नंबरों से कॉल कर अपनी पहचान छिपाने के लिए रोज नए सिम और मोबाइल इस्तेमाल करते थे। पुलिस के पहुंचने से पहले वे फोन बंद कर गायब हो जाते थे।
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ASP महेंद्र सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भगवानपुर गांव इस अवैध साइबर वसूली का केंद्र बना हुआ था। मुखबिर की सटीक सूचना पर साइबर टीम ने सर्विलांस की मदद से त्रिभुवन सिंह, राहुल सिंह और जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया।
ASP महेंद्र सिंह
ASP ने बताया कि ये लोग पीड़ितों को पहले अपने फोन में फंसाते थे फिर पोर्न साइट एक्सेस करने का आरोप लगाते थे। इसके बाद खुद को पुलिस अधिकारी बता दबाव बनाते थे और गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर मोटी धनराशि ऐंठ लेते थे। पुलिस को शक है कि यह नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और इसके तार कई राज्यों तक जुड़े हैं।
1. सोशल मीडिया से रैंडम नंबर और प्रोफाइल चुनना
2. पीड़ितों को वीडियो कॉल या संदिग्ध लिंक भेजना
3. फिर आरोप लगाकर डराना "आप पोर्न वीडियो देख रहे थे, आपके खिलाफ केस बन रहा है"
4. गिरफ्तारी व कार्रवाई का हवाला देकर ऑनलाइन रकम वसूली
5. पैसे मिलते ही नंबर बंद और तुरंत फरार
पुलिस अधीक्षक
पुलिस का कहना है कि अपराध का यह तरीका बेहद संगठित और योजनाबद्ध है।
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पुलिस अब मोबाइल नंबरों और बैंक लेनदेन की CDR रिपोर्ट खंगाल रही है। इससे और कई नाम सामने आने की उम्मीद है। जांच में यह भी पाया गया कि गांव में अलग-अलग घरों से यह साइबर ऑपरेशन चल रहा था। ASP ने बताया कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। गिरफ्तार आरोपियों के नाम त्रिभुवन सिंह, राहुल सिंह और जितेंद्र सिंह है। यही नहीं अन्य 13 आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
जांच में सामने आया कि यह गिरोह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पंजाब, बेंगलुरु समेत कई शहरों में कॉल करता था। सैकड़ों शिकायतें अलग-अलग राज्यों की साइबर शाखाओं में दर्ज हैं।