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ओबरा नगर में संविधान दिवस पर विशाल रैली का आयोजन हुआ। बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व में निकली इस रैली में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। धर्मनिरपेक्षता और समानता के संदेश को साकार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम पूरे नगर में आकर्षण का केंद्र रहा।
सोनभद्र में धूमधाम से मनाया गया संविधान दिवस
Sonbhadra: आज देशभर में भारत के संविधान की 76वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसके तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत सोनभद्र के ओबरा नगर में इस वर्ष संविधान दिवस की चमक और भी बढ़ गई, जब शहर की सड़कों पर “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” के उद्घोष के साथ भव्य रैली निकाली गई। बहुजन समाज पार्टी के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और संविधान की विशेषताओं, मूल्यों और सर्वसमावेशी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, रैली के प्रतिभागियों में युवा, महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न समुदायों के लोग शामिल हुए। इस आयोजन में सबसे अधिक उत्सुकता भारत के दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान के महत्व को लेकर देखी गई। वक्ताओं ने कहा कि संविधान न केवल भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है, बल्कि यह हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार प्रदान करता है।
धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समानता के सिद्धांतों को साकार करने के उद्देश्य से निकली यह रैली ओबरा नगर के प्रमुख मार्गों, बिल्ली पोखरा, गजराज नगर, सुभाष तिराहा से होकर आगे बढ़ी। रैली में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर संविधान के मूल्यों को जनचेतना तक पहुंचाने का प्रयास किया। उत्साह से भरी भीड़ ने यह संदेश दिया कि संविधान प्रत्येक नागरिक को बराबरी का दर्जा देता है और बिना किसी भेदभाव के अपनी बात रखने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
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रैली के दौरान लोगों ने विशेष रूप से कहा कि संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि देश के जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देना है। यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं बल्कि भारत की आत्मा है, जिसने करोड़ों लोगों को अधिकारों और अवसरों के माध्यम से नई दिशा दी है।
रैली का समापन बुद्ध विहार पहुंचकर किया गया, जहां संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उपस्थित जनसमूह ने अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका संघर्ष ही था जिसने आज भारत को एक मजबूत, समावेशी और प्रगतिशील संविधान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस रैली का मकसद केवल संविधान दिवस मनाना नहीं था, बल्कि लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना भी था। संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ने से समाज में समानता, सामाजिक सद्भाव और लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती आती है।