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1964 में मेरठ के निर्देशक देवी शर्मा ने धर्मेंद्र, किशोर कुमार और सावित्री गणेशन जैसे सितारों के साथ हिट फिल्म ‘गंगा की लहरें’ बनाई थी। हरिद्वार और ऋषिकेश में शूट हुई इस फिल्म की सफलता के बाद देवी शर्मा ने मेरठ के जयदेवी नगर में मंदिर बनवाया था। वरिष्ठ छायाकार ज्ञान दीक्षित आज भी शूटिंग के दौरान की दुर्लभ तस्वीरें और यादें संजोए हुए हैं।
Dharmendra
Meerut: मेरठ शहर का फिल्म जगत से जुड़ा इतिहास काफी गहरा रहा है। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र को लेकर मेरठ के ही जाने-माने निर्देशक देवी शर्मा ने वर्ष 1964 में सुपरहिट फिल्म ‘गंगा की लहरें’ बनाई थी। इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की, बल्कि इसकी यादें आज भी मेरठ से लेकर हरिद्वार और ऋषिकेश तक लोगों के जेहन में ताजा हैं।
गंगा की पवित्र घाटियों को पर्दे पर उतारने का निर्णय
निर्देशक देवी शर्मा उस दौर में फिल्म इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम थे। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर गंगा की पवित्र घाटियों को पर्दे पर उतारने का निर्णय लिया था। फिल्म की शूटिंग हरिद्वार के रामघाट, ऋषिकेश, विकासनगर और आसपास के क्षेत्रों में करीब 15 दिनों तक चली। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर लोकेशन पर फिल्माए गए दृश्य आज भी फिल्म प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।
“गंगा की लहरें वाला मंदिर”
इस फिल्म में धर्मेंद्र के साथ दिग्गज कलाकार किशोर कुमार, सावित्री गणेशन, कुमकुम, नासिर हुसैन, हरिशिव दासनी और टुनटुन जैसे कलाकार शामिल थे। अभिनय, संगीत और कहानी तीनों की ताकत ने फिल्म को एक यादगार रूप दिया। फिल्म की अंतिम प्रोसेसिंग और एडिटिंग मुंबई के प्रसिद्ध फेमस स्टूडियो और फिल्मिस्तान स्टूडियो में हुई थी। रिलीज के बाद फिल्म ने शानदार सफलता हासिल की, जिसके बाद निर्देशक देवी शर्मा ने इसे भगवान की कृपा मानते हुए मेरठ के जयदेवी नगर में जमीन खरीदी और एक मंदिर का निर्माण कराया। यह मंदिर आज भी वहां मौजूद है और स्थानीय लोग इसे “गंगा की लहरें वाला मंदिर” कहकर पहचानते हैं।
फिल्म से जुड़े कई लोग आज भी अपने अनुभव याद
मेरठ के वरिष्ठ फिल्म छायाकार ज्ञान दीक्षित, जिन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान खास फोटो खिंचे थे, वह बताते हैं कि धर्मेंद्र और अभिनेत्री सावित्री गणेशन के कई फोटो आज भी उनके पास सुरक्षित हैं। वह कहते हैं कि धर्मेंद्र बहुत सरल और बातचीत में बेहद विनम्र स्वभाव के थे। शूटिंग के दौरान उनके साथ बिताया समय आज भी यादगार है।
कभी चेहरा कपड़े से ढककर भागे से होटल से, जानें क्यों
ज्ञान दीक्षित एक दिलचस्प किस्सा भी साझा करते हैं। उनके अनुसार, एक दिन शूटिंग समाप्त होने के बाद निर्देशक देवी शर्मा, उनके भतीजे संतोष गौड़, धर्मेंद्र और बाकी कलाकार खाना खाने के लिए विजय होटल गए थे। उसी दौरान होटल के एक वेटर ने धर्मेंद्र को पहचान लिया। भीड़ बढ़ने की आशंका से टीम को जल्दी-जल्दी धर्मेंद्र का चेहरा कपड़े से ढककर होटल से बाहर ले जाना पड़ा। बाद में इस घटना पर सभी ने खूब हंसी-मजाक किया।