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बुलंदशहर में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के नेतृत्व में किसानों का धरना कलेक्ट्रेट परिसर में जारी है। गन्ने की MSP बढ़ाने, बिजली निजीकरण, अवैध खनन, समय पर भुगतान और चकबंदी की मांग को लेकर किसान काला आम चौराहा जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं।
बुलंदशहर में भाकियू टिकैत का धरना प्रदर्शन
Bulandshahr: यूपी के बुलंदशहर में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत का धरना कलेक्ट्रेट परिसर में जारी है। सैकड़ों किसानों ने एमएसपी बढ़ाने, बिजली के निजीकरण के विरोध, अवैध खनन और अवैध कटान पर रोक, गन्ने का समय पर भुगतान न होने तथा चकबंदी कराए जाने की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
भाकियू टिकैत के जिला अध्यक्ष अरव सिंह ने बताया कि किसानों की प्राथमिक मांग है कि गन्ने की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की जाए। इसके अलावा, बिजली के निजीकरण से किसानों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है। किसान अवैध खनन और कटान के कारण अपनी जमीन और फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने पर भी चिंता जता रहे हैं।
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धरने में शामिल किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है, तो वे काला आम चौराहा जाम करने के लिए मजबूर होंगे। अरव सिंह ने कहा कि धरना प्रदर्शन केवल चेतावनी का माध्यम है, लेकिन अनसुनी होने पर सड़कों पर और बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
बुलंदशहर में कृषक संघर्ष
धरने में सैकड़ों किसान शामिल हैं। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर नारे लगाकर अपनी मांगों को उजागर किया। महिलाओं और युवा किसान भी इस धरने में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन ने किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को व्यक्त करने की अनुमति दी है। प्रशासन ने किसानों से बातचीत करने और समस्या का समाधान खोजने का आश्वासन दिया है। वहीं किसानों ने साफ कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को बढ़ाया जाएगा।
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धरने का उद्देश्य केवल अपने हक के लिए आवाज उठाना है। किसान यूनियन का कहना है कि उनका संघर्ष न्यायसंगत है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उनके अनुसार, एमएसपी बढ़ाने और अन्य मांगों को पूरा करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान होगा।