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उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास की बड़ी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन और ग्राम सड़क योजना पर अरबों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन सरेनी विकासखंड के ग्राम रनापुर में इन योजनाओं की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती नजर आ रही है। लेकिन इन योजनाओं की हकीकत कुछ अलग ही हकीकत बयान कर रही है।
ग्रामीणों ने खोली स्वच्छ भारत अभियान की पोल
Raebareli: उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास की बड़ी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन और ग्राम सड़क योजना पर अरबों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन सरेनी विकासखंड के ग्राम रनापुर में इन योजनाओं की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती नजर आ रही है। लेकिन इन योजनाओं की हकीकत कुछ अलग ही हकीकत बयान कर रही है।
गांव के कई प्रमुख ग्रामीण आशा राम, दुर्गा प्रसाद, भीकू प्रसाद, कमलेश, अजय, जगदीश, धूनीराम, विजय, बिनोद कुमार, जगतपाल और दिनेश कुमार ने बताया कि वर्षों से गांव की नाली व्यवस्था और सड़कें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। उनका कहना है कि जैसे ही बारिश का मौसम आता है, मुख्य रास्ते कीचड़ में बदल जाते हैं और आवागमन में ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान प्रधान के कार्यकाल में “गांव की खरंजा और सड़क व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है।” उन्होंने बताया कि सड़क समस्या को लेकर कई बार प्रधान और संबंधित अधिकारियों, यहां तक कि बीडीओ स्तर तक शिकायतें की गईं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब गांव में कोई इमरजेंसी होती है, तो एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती। मरीज को लगभग 500 मीटर तक चारपाई पर रखकर मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है।
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारी योजनाएँ सिर्फ कागज़ों में हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई और नाली निर्माण का लाभ आज तक गांव को नहीं मिला। ग्रामीणों ने अधिकारियों की लापरवाही और निगरानी की कमी को योजनाओं की विफलता का कारण बताया।
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ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि रनापुर गांव की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण कराया जाए और दोषी अधिकारियों एवं जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि गांववासियों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके और बारिश के दिनों में उनके जीवन में सुविधा बनी रहे।