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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2026 से पहले मतदाता सूची में बड़ा बदलाव हुआ है। 1.82 करोड़ नए वोटर जुड़े हैं, जबकि 1 करोड़ से अधिक नाम हटाए गए हैं। ई-BLO प्रणाली से यह प्रक्रिया पहले से ज्यादा पारदर्शी रही।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 को लेकर प्रशासनिक और चुनावी तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस बार मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है। जहां 1.82 करोड़ नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया है, वहीं 1 करोड़ से अधिक नाम हटाए भी गए हैं। आयोग का कहना है कि यह अब तक का सबसे व्यापक और पारदर्शी पुनरीक्षण अभियान रहा है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि इस बार मतदाता सूची में कुल वृद्धि दर 3.269 प्रतिशत रही है, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। इस वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान युवाओं का रहा है। खास बात यह है कि नए मतदाताओं में बड़ी संख्या उन युवाओं की है, जिन्होंने हाल ही में 18 वर्ष की आयु पूरी की है। पुनरीक्षण के बाद उत्तर प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या बढ़कर 12 करोड़ 69 लाख 69 हजार 610 हो गई है।
इस बार मतदाता सूची पुनरीक्षण में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार डिजिटल बीएलओ यानी ई-BLO प्रणाली का प्रयोग किया। इस तकनीक के जरिए मतदाता नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ट्रैक योग्य बनाया गया। आयोग का कहना है कि ई-BLO प्रणाली के कारण फर्जीवाड़े पर लगाम लगी और प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनी रही। यही वजह है कि इस बार शिकायतों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम रही।
राज्य निर्वाचन आयुक्त आरपी सिंह ने बताया कि हटाए गए मतदाताओं में सबसे बड़ी संख्या डुप्लीकेट मतदाताओं की रही। कुल 53 लाख 67 हजार 410 नाम केवल इसलिए हटाए गए क्योंकि वे दोहराव वाले थे। इसके अलावा मृत मतदाता, विस्थापित लोग और अन्य अयोग्य व्यक्तियों के नाम भी सूची से हटाए गए हैं। आयोग का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध और विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी था।
इस बार पुनरीक्षण अभियान की सबसे बड़ी खासियत युवाओं की मजबूत भागीदारी रही। 18 से 23 वर्ष की आयु वर्ग में 1 करोड़ 5 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें से 15.71 लाख ऐसे मतदाता हैं, जिन्होंने हाल ही में 18 वर्ष की उम्र पूरी की है और पहली बार वोट देने के योग्य बने हैं। आयोग का मानना है कि युवा मतदाताओं की यह भागीदारी पंचायत चुनावों में नए मुद्दों और नई सोच को सामने लाएगी।
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राज्य निर्वाचन आयोग ने उन जिलों के आंकड़े भी जारी किए हैं, जहां सबसे कम मतदाताओं के नाम काटे गए। इनमें वाराणसी में केवल 682 नाम हटाए गए, जबकि मैनपुरी में 72 हजार, महोबा में 20 हजार, कुशीनगर में 14 हजार और गाजीपुर में 72 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। आयोग का कहना है कि इन जिलों में मतदाता सूची पहले से ही काफी हद तक अपडेट और सही थी, इसलिए कटौती की संख्या कम रही।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची का अनंतिम प्रकाशन 23 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। इसके बाद यदि किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है या किसी तरह की त्रुटि पाई जाती है, तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है। जनवरी 2026 में आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 6 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपनी जानकारी की जांच कर लें।