DN Exclusive: UP में हर दिन हादसा, हर दिन मातम…आखिर कब रुकेगा यह मौत का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश जहां कोई न कोई हादसा सुर्खियों में आ जाता है। जहां एक परिवार की खुशियां मातम में बदल जाती हैं, किसी का सहारा छिन जाता है, और एक माँ की गोद हमेशा के लिए सूनी रह जाती है। नियम तो हैं, कानून भी मौजूद है, लेकिन सवाल यह है कि उनका पालन कौन करवा रहा है? पढ़ें पूरी खबर

Updated : 4 October 2025, 8:42 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश जहां कोई न कोई हादसा सुर्खियों में आ जाता है। जहां एक परिवार की खुशियां मातम में बदल जाती हैं, किसी का सहारा छिन जाता है, और एक माँ की गोद हमेशा के लिए सूनी रह जाती है। सवाल यह है कि ये हादसे कब रुकेंगे?

लगभग हर ज़िले में रोज़ाना सड़क दुर्घटनाएं
जानकारी के मुताबिक,  राज्य के लगभग हर ज़िले में रोज़ाना सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं। आए दिन हादसे की खबर सामने आती रहती है, जिसमें कई लोग की मौत हो जाती है, कई लोग घायल हो जाते हैं।  तेज रफ्तार, लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी इन मौतों की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही है। लेकिन इन दर्दनाक घटनाओं के बावजूद हालात जस के तस हैं। प्रशासनिक दावे तो बहुत किए जाते हैं, मगर जमीनी हकीकत में बदलाव नजर नहीं आता।

क्यों नहीं थम रहा हादसा?
नियम तो हैं, कानून भी मौजूद है, लेकिन सवाल यह है कि उनका पालन कौन करवा रहा है? हादसे के बाद जांच बैठती है, रिपोर्ट तैयार होती है, कुछ वादे किए जाते हैं  और फिर सबकुछ पहले जैसा हो जाता है। न सड़कों की हालत सुधरती है, न निगरानी व्यवस्था मज़बूत होती है।
एक छोटी सी लापरवाही किसी की जान ले सकती...
गौरतलब है कि यदि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन हो, वाहन चालकों की नियमित जांच की जाए और आम लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए, तो हादसों की संख्या में बड़ी कमी आ सकती है। लेकिन जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं हर नागरिक की है। हम सभी को यह समझना होगा कि एक छोटी सी लापरवाही किसी की जान ले सकती है। अब वक्त है जागरूक होने का, सवाल उठाने का और बदलाव की मांग करने का। क्योंकि सड़कें तभी सुरक्षित होंगी, जब जिम्मेदारी साझा होगी।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 4 October 2025, 8:42 PM IST