

अगर आप कुछ नहीं खाते हुए भी अपना वजन बढ़ते हुए महसूस कर रहे हैं, तो यह सामान्य नहीं है। यह थायरॉयड, हार्मोनल असंतुलन, या मेटाबोलिज्म से जुड़ी समस्याओं के संकेत हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे कुछ बीमारियां वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं, भले ही आप कम खा रहे हों।
वजन बढ़ना (सोर्स-गूगल)
New Delhi: आजकल के समय में वजन बढ़ने की समस्या एक आम चिंता बन चुकी है, और यह समस्या अधिकतर लोगों के लिए परेशानियों का कारण बनती है। कई बार ऐसा होता है कि आप कम खाते हैं या अपनी डाइट पर पूरी तरह से नियंत्रण रखते हैं, फिर भी वजन बढ़ने लगता है। यह स्थिति तब और अधिक चिंताजनक हो जाती है, जब आप महसूस करते हैं कि आपके द्वारा खाए गए कैलोरी और आपके वजन में कोई मेल नहीं खाता। इस असामान्य वजन बढ़ने का कारण शरीर में छिपी हुई कुछ बीमारियां हो सकती हैं।
थायरॉयड समस्या (Hypothyroidism)
थायरॉयड ग्लैंड शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है। जब थायरॉयड ग्लैंड ठीक से काम नहीं करता, यानी थायरॉयड हार्मोन की कमी होती है (Hypothyroidism), तो यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। थायरॉयड की कमी से मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर में फैट जमा होने लगता है। इसके अतिरिक्त, थकान, सुस्ती और त्वचा का सूखा होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
हॉर्मोनल असंतुलन भी वजन बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक हो सकता है। महिलाएं विशेष रूप से पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल बदलावों से प्रभावित होती हैं। जब शरीर में इन हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है या घट जाता है, तो यह वजन बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। खासकर, इंसुलिन, कोर्टिसोल और एस्ट्रोजन के असंतुलन से शरीर में फैट जमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं में आम है। इस विकार के कारण ओवरी में कई छोटे-छोटे सिस्ट (गांठ) बन जाते हैं, जिससे हॉर्मोनल असंतुलन होता है। इसका एक प्रमुख लक्षण वजन बढ़ना है, खासकर पेट के आसपास। इसके अलावा चेहरे पर मुंहासे, अनियमित मासिक धर्म और बालों का बढ़ना जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
दवाइयों का प्रभाव
कई बार डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयाँ भी वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं। जैसे, एंटी-डिप्रेसेंट्स, कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स, और एंटी-हिस्टामाइन दवाएं वजन बढ़ने में सहायक हो सकती हैं। यदि आप ऐसी दवाइयां ले रहे हैं, तो इसका असर आपके मेटाबोलिज्म और भूख पर पड़ सकता है।
स्ट्रेस और कोर्टिसोल का प्रभाव
स्ट्रेस का हमारे शरीर पर गहरा असर पड़ता है, और जब हम अधिक तनाव में होते हैं, तो कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है। कोर्टिसोल का अधिक स्तर वजन बढ़ाने और शरीर में फैट जमाने में मदद करता है। इसके साथ ही, जब व्यक्ति तनाव में होता है, तो वह अधिक खाने का मन करता है, जिससे वजन बढ़ता है।
ब्लड शुगर का असंतुलन (Insulin Resistance)
ब्लड शुगर का असंतुलन भी वजन बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण हो सकता है। जब शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है और शरीर इसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता, तो यह फैट को शरीर में जमा कर देता है। यह स्थिति मोटापे का कारण बन सकती है, और इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर व्यक्ति को वजन कम करने में दिक्कत होती है।
स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorders)
नींद की कमी भी वजन बढ़ने का कारण हो सकती है। पर्याप्त नींद न लेने से शरीर में कोर्टिसोल और ग्रीलीन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे भूख बढ़ जाती है और मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है। अगर आपको स्लीप एपनिया या अन्य नींद से संबंधित समस्या हो तो यह भी वजन बढ़ने का कारण हो सकती है।
इलाज और समाधान
स्वास्थ्य जांच: यदि आपका वजन बिना कारण बढ़ रहा है, तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी सेहत की पूरी जांच करवाएं।
मेटाबोलिज्म को सुधारें: नियमित रूप से व्यायाम करें और अपनी डाइट में फाइबर और प्रोटीन को शामिल करें।
हॉर्मोनल चेकअप: थायरॉयड, PCOS और अन्य हॉर्मोनल असंतुलन की जांच करवाएं और उचित इलाज लें।