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नींद में हार्ट अटैक अचानक लगता है, लेकिन यह महीनों से बन रही अंदरूनी समस्या का नतीजा होता है। मोटापा, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल इसके मुख्य जोखिम कारक हैं। सावधानी, नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।


कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक चौधरी के अनुसार नींद के दौरान हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और शरीर की गतिविधियां धीमी हो जाती हैं। यदि दिल की धमनियों में पहले से ब्लॉकेज हो, तो रक्त प्रवाह कम होने से अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे वाले लोग और उन लोगों में जोखिम ज्यादा रहता है, जिन्हें श्वास संबंधी समस्या होती है। (फोटो सोर्स- इंटरनेट)



मोटापे वाले लोग नींद में श्वास रुकने (Sleep Apnea) की समस्या से जूझते हैं। बार-बार सांस रुकने से दिल पर दबाव बढ़ता है और रात में हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों में गंभीर होती है जिनके दिल की धमनियों में ब्लॉकेज पहले से मौजूद हो। (फोटो सोर्स- इंटरनेट)



अर्ली मॉर्निंग में हार्ट अटैक की घटनाएं ज्यादा होती हैं। सुबह कोर्टिसोल और कैटिकोलामाइन हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे रक्त में प्लेटलेट्स चिपचिपा हो जाते हैं। यदि धमनियों में ब्लॉकेज है, तो ब्लड क्लॉट बनकर हार्ट अटैक को ट्रिगर कर सकता है। (फोटो सोर्स- इंटरनेट)



सीने में दबाव या जकड़न, बिना मेहनत के पसीना आना, मिचली या उल्टी, कंधे/हाथ/जबड़े में दर्द—ये लक्षण पहले हल्के रूप में दिखाई दे सकते हैं। कई बार ये संकेत महीनों पहले शुरू हो जाते हैं, लेकिन लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। (फोटो सोर्स- इंटरनेट)



मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर वाले लोग नियमित चेकअप करें। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम किया जा सकता है। शरीर के शुरुआती चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज न करें। (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
