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भीलवाड़ा उपभोक्ता मंच ने डी-मार्ट को खराब गुणवत्ता वाले 6 रुपए के कैरी बैग के लिए 5,000 रुपए मुआवज़ा देने का आदेश दिया। न्यायालय ने इसे ‘सेवादोष’ मानते हुए दो माह में राशि अदा करने का निर्देश दिया, जो उपभोक्ता संरक्षण के लिए अहम उदाहरण है।
घटिया बैग ने बढ़ाई डी-मार्ट की मुश्किलें
Bhilwara: एक मात्र 6 रुपए के कैरी बैग ने डी-मार्ट एवेन्यु सुपरमार्ट लिमिटेड के लिए भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता अनामिका सुवालका को 5,000 रुपए मुआवज़ा देने का आदेश दिया। न्यायालय ने इस कृत्य को 'सेवादोष' की श्रेणी में रखा।
मामला जवाहर नगर निवासी अनामिका सुवालका से जुड़ा है। उनके अधिवक्ता मुकेश सुवालका ने बताया कि ग्राहक ने डी-मार्ट भीलवाड़ा से सामान खरीदने के दौरान एक कैरी बैग 6 रुपए में खरीदा। बैग की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि उसे सामान रखने के लिए इस्तेमाल करते ही वह क्षतिग्रस्त हो गया।
बैग खराब होने के बाद अनामिका ने डी-मार्ट के खिलाफ जिला उपभोक्ता मंच में परिवाद दायर किया। शिकायत में परिवादी ने बताया कि कैरी बैग किसी काम का नहीं रहा और उन्हें नुकसान हुआ। अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष बैग की फोटो और खरीद रसीद सहित प्रमाण प्रस्तुत किए।
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न्यायालय ने पेश की गई दलीलों, प्रमाण पत्रावली और अधिवक्ता की तर्कों का गहन अध्ययन किया। मंच ने स्पष्ट किया कि डी-मार्ट ने ग्राहक से कैरी बैग की राशि वसूलने के बावजूद खराब उत्पाद दिया, जो उपभोक्ता के लिए उपयोग योग्य नहीं था।
भीलवाड़ा उपभोक्ता न्यायालय (Img- Google)
अदालत ने इसे 'सेवादोष' की श्रेणी में रखा और कहा कि उपभोक्ता का परिवाद न्यायोचित है। अदालत ने डी-मार्ट एवेन्यू सुपरमार्ट लिमिटेड, प्लॉट नंबर 1, सेक्टर 4, सुखाडिया सर्किल, अजमेर रोड, भीलवाड़ा को आदेश दिया कि वह परिवादी अनामिका सुवालका को कुल ₹5,000 की राशि दो माह के भीतर अदा करे।
यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण में मील का पत्थर माना जा रहा है। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उत्पाद की खराब गुणवत्ता और उपभोक्ता के साथ अनुचित व्यवहार को गंभीरता से लिया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केस अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए चेतावनी है कि वे उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और उपभोक्ताओं के साथ निष्पक्ष व्यवहार करें।
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छोटा उत्पाद, बड़ा विवाद। केवल ₹6 की कीमत वाला बैग डी-मार्ट के लिए वित्तीय और छवि संबंधी चुनौती बन गया। यह मामला दिखाता है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और व्यवसायों के लिए गुणवत्ता पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। उपभोक्ता मंच का यह आदेश अन्य ग्राहकों के लिए भी संदेश है कि खराब उत्पाद मिलने पर कानूनी कार्रवाई का रास्ता खुला है।