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ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली और स्टॉक अपने 52-हफ्ते के उच्च स्तर से 60% से अधिक टूट गया। कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी तेजी से घटकर 17,000 करोड़ रुपये से नीचे पहुंच गया है। निवेशकों में चिंता बढ़ी है।
ओला इलेक्ट्रिक का शेयर धड़ाम (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: भारतीय शेयर बाजार में 3 दिसंबर का दिन ईवी सेगमेंट की दिग्गज कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के निवेशकों के लिए बेहद दर्दनाक रहा। कंपनी के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली हुई और स्टॉक अपने 52 सप्ताह के उच्च स्तर से 60 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया। लगातार कुछ दिनों से गिरावट का सामना कर रहे ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों ने बुधवार को निवेशकों के अरबों रुपये डुबो दिए और कंपनी का मार्केट कैप भी तेजी से घटकर 17,000 करोड़ रुपये से नीचे आ गया।
बुधवार को ओला इलेक्ट्रिक का शेयर बीएसई पर लगभग 5 प्रतिशत या 2 रुपये की गिरावट के साथ ₹38.02 पर बंद हुआ। दिन के दौरान स्टॉक ने ₹40.40 का उच्च स्तर छुआ, लेकिन भारी बिकवाली के बीच यह संभल नहीं पाया और अंत तक लाल निशान में ही रहा। एनएसई पर भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। वहां शेयर 5.02 प्रतिशत गिरकर ₹38.03 पर बंद हुआ।
गौरतलब है कि कंपनी का शेयर एक समय अपने 52 हफ्तों के उच्च स्तर ₹102.50 (4 दिसंबर 2024) तक पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद से कंपनी के प्रदर्शन, बाजार भावना और निवेशकों के भरोसे में आई कमी ने स्टॉक को भारी नुकसान पहुंचाया।
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आंकड़े बताते हैं कि बीते एक महीने में ही स्टॉक 25 प्रतिशत तक फिसल गया है। वहीं, छह महीने की अवधि देखें तो इसमें 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस तरह की लगातार गिरती कीमतें इस बात का संकेत देती हैं कि निवेशकों का भरोसा कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, विस्तृत रणनीति और बाजार में उसकी वर्तमान स्थिति को लेकर कमजोर होता जा रहा है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
शेयर की तेज फिसलन का सीधा असर कंपनी के मार्केट कैप पर पड़ा। ओला इलेक्ट्रिक का मार्केट कैप अब 17,000 करोड़ रुपये से नीचे आ गया है, जो एक समय कंपनी की तेज वृद्धि और ईवी सेक्टर में बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए काफी मजबूत माना जाता था।
हालांकि कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बाजार विशेषज्ञ कुछ संभावित कारणों की ओर इशारा करते हैं-
ईवी मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा- देश में तेजी से नई कंपनियां उतर रही हैं और पुराने ब्रांड अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
प्रॉफिटेबिलिटी का दबाव- ओला इलेक्ट्रिक अभी भी नुकसान में संचालन कर रही है और निवेशक अब बेहतर वित्तीय प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं।
IPO बाद की अस्थिरता- कई निवेशक लिस्टिंग के बाद मुनाफावसूली करते हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आती है।
मार्केट की समग्र भावना- बाजार में अनिश्चितता और ग्लोबल फैक्टर्स ने भी ईवी शेयरों पर दबाव बढ़ाया है।
ओला इलेक्ट्रिक के भविष्य को लेकर निवेशकों की चिंताएं
हालांकि ईवी बाजार में आने वाले वर्षों में भारी वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, लेकिन ओला इलेक्ट्रिक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है-
बैटरी सप्लाई चेन को स्थिर करना
स्थिर लाभप्रदता हासिल करना
फायर इंसीडेंट जैसे विवादों को दूर करना
ग्राहकों में ब्रांड ट्रस्ट मजबूत करना
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति और परिचालन मॉडल में मजबूती नहीं दिखाती, तब तक शेयर में स्थिरता की उम्मीद करना मुश्किल है।
गिरावट के बावजूद कुछ विश्लेषक मानते हैं कि जिन निवेशकों का नजरिया लंबी अवधि का है, वे इसे एक डीप वैल्यू एंट्री प्वाइंट की तरह देख सकते हैं। लेकिन अधिकांश विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ईवी सेक्टर अभी भी अस्थिर है और जोखिम समझकर ही निवेश करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सूचना उद्देश्यों के लिए है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। हम किसी भी प्रकार का निवेश सुझाव नहीं देते।