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फेसबुक पर दोस्ती कर राजस्थान की युवती और उसके साथियों ने मुरादाबाद के ट्रांसपोर्टर से ट्रेडिंग के नाम पर 32 लाख रुपये ठग लिए। साइबर क्राइम पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Moradabad: फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें राजस्थान की एक युवती ने मुरादाबाद के मझोला क्षेत्र में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर से 32 लाख रुपये से अधिक की रकम ठग ली। युवती ने खुद को जयपुर और लंदन में लहंगा-साड़ी के बड़े शो-रूम की मालिक बताकर पीड़ित को भरोसे में लिया और ट्रेडिंग के नाम पर भारी रकम अपने साथियों के खातों में ट्रांसफर करवा ली। घटना का खुलासा होने के बाद साइबर अपराध थाना पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे शुरू हुआ था खेल?
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसकी पहचान फेसबुक के जरिए राजस्थान निवासी हेमा रावत नाम की युवती से हुई थी। दोनों के बीच अक्सर चैटिंग होती थी। कुछ समय बाद युवती ने व्हाट्सऐप नंबर भी दे दिया और बातचीत बढ़ गई। खुद को जयपुर शहर की मानसरोवर कॉलोनी की निवासी बताते हुए युवती ने दावा किया कि वहां उसका लहंगा और साड़ी का बड़ा शोरूम है, जबकि दूसरा आउटलेट उसके चाचा लंदन में चलाते हैं।
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ट्रांसपोर्टर को युवती ने बना दिया मुर्ख
धीरे-धीरे विश्वास कायम होने के बाद युवती ने पीड़ित को बताया कि अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग के जरिए वह अच्छी कमाई कर सकती है। उसने लालच देते हुए कहा कि वह चाहे तो उसे भी इस ट्रेडिंग में जोड़ सकती है। इसी दौरान युवती ने पीड़ित की बात अपने साथी अभिषेक नाम के युवक से कराई। अभिषेक ने रकम निवेश करने पर 30 प्रतिशत कमीशन देने की शर्त बताई। मुनाफा मिलने की बातों में आकर ट्रांसपोर्टर शुरू में 10 हजार रुपये उनके बताए खाते में भेज देता है।
32 लाख 90 हजार 400 रुपये ठग लिए
रकम भेजने के बाद आरोपियों ने विश्वास दिलाया कि ट्रेडिंग में लाभ आने वाला है। इसके बाद धीरे-धीरे युवती हेमा, युवक अभिषेक और एक अन्य युवती नाज़िया ने अलग-अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराने का दबाव बनाया। आरोपियों की बातों में आकर पीड़ित ने कुल 32 लाख 90 हजार 400 रुपये अलग-अलग किश्तों में भेज दिए। यह रकम उसने अपने पिता और रिश्तेदारों से उधार लेकर इकट्ठी की थी।
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पीड़ित से फिर मांगे 15 लाख रुपये
रकम भेजने के बाद जब पीड़ित ने मुनाफे और अपनी राशि वापस मांगनी चाही तो आरोपियों ने एक नया झांसा देते हुए कहा कि रकम रिलीज करवाने के लिए उसे 15 लाख रुपये और जमा करने होंगे। पीड़ित ने उन्हें बताया कि उसके पास और पैसा नहीं है और वह पहले ही उधार लेकर इतना बड़ा निवेश कर चुका है। इसके बाद आरोपियों ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया और न तो रकम लौटाई और न ही किसी तरह का लाभ दिया। घटना का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस का बयान, मुकदमा हुआ दर्ज
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट की धारा 66D तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस टीम साइबर विश्लेषण के जरिए लेन-देन से जुड़े बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, फर्जी आईडी और डिजिटल ट्रेल की जांच कर रही है। आरोपियों की लोकेशन और पहचान की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।
आप भी हो जाएं सावधान
पुलिस का कहना है कि इस तरह के साइबर फ्रॉड में ज्यादातर फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल किया जाता है और पीड़ित को लालच देकर बड़े पैमाने पर रकम ऐंठी जाती है। जांच के आधार पर पुलिस ने पीड़ित को सतर्क रहने और ऐसे निवेश प्रस्तावों से बचने की सलाह दी है। पुलिस ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।