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डॉ. भीमराव आंबेडकर की 6 दिसंबर की पुण्यतिथि पर बसपा प्रमुख मायावती नोएडा की रैली में शामिल नहीं होंगी। सुरक्षा व्यवस्था से लोगों को होने वाली असुविधा को देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया है और अपने आवास पर ही श्रद्धांजलि देंगी। पार्टी के अनुयायी लखनऊ और नोएडा के स्मारक स्थलों पर पहुंचकर बाबासाहेब को नमन करेंगे।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती
Noida: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगामी 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर नोएडा में होने वाली प्रस्तावित रैली में शामिल न होने का फैसला लिया है। बसपा सुप्रीमो हर वर्ष इस दिन बड़ी सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करती रही हैं, लेकिन इस बार वह किसी भी बड़े कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहेंगी और अपने आवास पर ही बाबासाहेब को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी। उनके इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में चर्चा जरूर बढ़ा दी है, लेकिन मायावती का कहना है कि यह फैसला उन्होंने केवल लोगों की सुविधा को देखते हुए लिया है।
मायावती ने बताया असली कारण
मायावती ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि डॉ. आंबेडकर की जयंती और पुण्यतिथि जैसे अवसरों पर बहुजन समाज के संतों, गुरुओं और महापुरुषों के स्मारकों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं। इस दौरान हजारों की भीड़ श्रद्धांजलि देने पहुंचती है, ऐसे में उनकी उपस्थिति के कारण सुरक्षा इंतजामों को बेहद कड़ा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा को लेकर सरकारी मशीनरी द्वारा किए जाने वाले इंतजामों से आम लोगों को अक्सर असुविधा का सामना करना पड़ता है और वह इस परेशानी से लोगों को बचाना चाहती हैं।
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नोएडा वालों के लिए अच्छा सोचा मायावती ने
मायावती ने कहा, “मेरा अनुभव रहा है कि जब भी मैं इन आयोजनों में शामिल होती हूं, तो सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर ऐसे प्रबंध किए जाते हैं जो जरूरी तो होते हैं लेकिन उनसे लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। कई बार परिवारों और बुजुर्गों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में इस बार मैंने निर्णय लिया है कि मैं सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊंगी, जिससे लोग बिना किसी अवरोध के स्मारकों तक पहुंच सकें।”
बड़े स्तर पर होता है हर साल यह कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता और डॉ. आंबेडकर के अनुयायी हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में लखनऊ स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल और नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंचेंगे और वहां बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड से आने वाले लोग आमतौर पर नोएडा स्थित प्रेरणा स्थल पर जाते हैं, जबकि पूर्वी यूपी और आसपास के जिलों के लोग लखनऊ के परिवर्तन स्थल पर पहुंचते हैं।
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मायावती की नेताओं से अपील
मायावती ने पार्टी नेताओं और समर्थकों से अपील की है कि वे शांतिपूर्वक और अनुशासित ढंग से डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि दें तथा उनके मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का मूल उद्देश्य डॉ. आंबेडकर द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलना और उनके मिशन को देशभर में फैलाना है।
कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों के लिए राहतभरा फैसला
मायावती के इस फैसले को पार्टी कार्यकर्ताओं ने समझदारी भरा कदम बताया है, क्योंकि हर साल 6 दिसंबर को स्मारक स्थलों पर अत्यधिक भीड़ जुटती है और सुरक्षा व्यवस्था के कारण कई रास्तों का बंद होना आम बात है। ऐसे में बसपा अध्यक्ष का यह निर्णय कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों के लिए राहतभरा माना जा रहा है।