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मेरठ में आधी रात हुई एक अनोखी शादी ने पूरे क्षेत्र में चर्चा छेड़ दी है। प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया और उसी रात काजी बुलाकर दोनों का निकाह करा दिया। परिजनों की मौजूदगी में 50 हजार रुपये कैश देकर दुल्हन की विदाई भी कर दी गई। मामला परीक्षितगढ़ क्षेत्र के इकला रसूलपुर गांव का है।
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Meerut: मेरठ के परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव इकला रसूलपुर में एक अनोखी और चौंकाने वाली शादी का मामला सामने आया है। देर रात प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचे युवक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके से उसके दो साथी फरार होने में सफल रहे, लेकिन युवक की गिरफ्तारी ने घटनाक्रम को पूरी तरह बदल दिया। रात भर गांव में अफरा-तफरी और बाद में निकाह की तैयारियों ने माहौल को शादी घर में बदल दिया। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई है।
घर पर अकेली थी युवती
जानकारी के अनुसार, इकला रसूलपुर की युवती मुंतहा परवीन अपने घर पर अकेली थी। उसके परिजन आंखों के इलाज के लिए मेरठ गए हुए थे। इसी बीच मवाना के मोहल्ला गाढ़ा चौक निवासी अलफाज मंगलवार देर रात अपने तीन साथियों के साथ प्रेमिका से मिलने गांव पहुंच गया। जैसे ही वह घर में प्रवेश कर रहा था, ग्रामीणों ने उसे देख लिया और पकड़ लिया। उसके दो साथी मौके से चकमा देकर भाग निकले।
तीन साल से चल रहा था प्रेम संबंध
ग्रामीणों द्वारा पकड़ने पर अलफाज ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह और मुंतहा पिछले तीन साल से एक-दूसरे को जानते हैं और एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। उसने बताया कि परिवार के न होने का मौका देखकर वह प्रेमिका से मिलने आया था।
ग्रामीणों ने बुलाए परिजन और दबाव में निकला फैसला
घटना के बाद पड़ोसियों ने तुरंत लड़की और लड़के दोनों के परिजनों को फोन कर मौके पर बुलाया। देर रात युवक का परिवार गांव पहुंचा। ग्रामीणों और लड़की के परिजनों ने आपत्ति जताई और कहा कि दोनों का निकाह कराना ही एकमात्र समाधान है, ताकि बदनामी न हो और दोनों की सुरक्षा भी बनी रहे।
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लड़के पक्ष ने पहले कुछ समय मांगा, लेकिन लड़की पक्ष किसी भी तरह की मोहलत देने के लिए तैयार नहीं था। पंचायत जैसे माहौल में ग्रामीण अड़ गए कि निकाह तुरंत होगा, वरना मामला पुलिस तक जाएगा। बढ़ते दबाव और सामाजिक परिस्थितियों में लड़के के परिवार को भी राज़ी होना पड़ा।
आनन-फानन में हुई शादी की तैयारियां
ग्रामीणों ने तत्काल काजी को बुलाया। उसी समय एक लिखित समझौता भी तैयार कराया गया, जिस पर गांव के 11 लोगों ने हस्ताक्षर किए। इस बीच दुल्हन के हाथों में मेंहदी लगाई गई, उसे तैयार किया गया और शादी का जोड़ा लाकर पहनाया गया। गांव की महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से सभी रस्में निभाईं।
काजी की मौजूदगी में देर रात ही दोनों का निकाह संपन्न कराया गया। शादी के बाद दुल्हन के पिता ने दामाद को 50 हजार रुपये नकद देकर बेटी की विदाई की। रात के माहौल में शादी के बाद ढोल भी बजा और जब दुल्हन मवाना पहुंची तो परिवार ने उसका स्वागत धूमधाम से किया।
ग्राम प्रधान पति का बयान
ग्राम प्रधान पति शरीफ ने बताया कि लड़के पक्ष ने समय मांगकर निकाह टालने की कोशिश की, लेकिन लड़की पक्ष ने कोई मौका देने से इनकार कर दिया। पुलिस की चेतावनी के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से निकाह स्वीकार कर लिया।