

केंद्र सरकार के 33 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जहां आठवें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है, वहीं कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक ताजा रिपोर्ट ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर घटाया जा सकता है, जिससे वेतन वृद्धि उम्मीद से कम हो सकती है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: जनवरी 2024 में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का संकेत तो दिया था, लेकिन अब तक आयोग का औपचारिक गठन नहीं हो सका है। न अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं, न ही सदस्यों की घोषणा हुई है। आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होना है, लेकिन देरी की सूरत में एरियर के साथ भुगतान किया जाएगा।
क्या है कोटक की रिपोर्ट में?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट का शीर्षक है "आठवां वेतन आयोग: एकमुश्त वृद्धि", जिसमें कहा गया है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर करीब 1.8 रहने की संभावना है। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों के वेतन में सिर्फ 13% तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है, जबकि सातवें वेतन आयोग में यह वृद्धि लगभग 14.3% थी।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर? फिटमेंट फैक्टर वह गणना है जिससे कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी निर्धारित की जाती है।
उदाहरण:
• सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था
• यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹20,000 थी, तो नई सैलरी ₹51,400 हो गई थी
अगर आठवें वेतन आयोग में 1.8 का फैक्टर लागू होता है, तो उसी स्थिति में नई सैलरी सिर्फ ₹36,000 के करीब होगी, यानी वेतन वृद्धि काफी सीमित रहेगी।
क्यों बढ़ रही है चिंता?
• फिटमेंट फैक्टर घटने से सीधे तौर पर बेसिक सैलरी और पेंशन दोनों में मामूली वृद्धि होगी
• महंगाई भत्ते (DA), HRA और अन्य भत्ते भी इसी बेसिक पर तय होते हैं
• 33 लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी नई सिफारिशों की राह देख रहे हैं
आठवें वेतन आयोग का गठन कब?
• हर 10 साल में एक वेतन आयोग गठित होता है
• 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था
• इसलिए 8वां आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना है
लेकिन अब तक न तो अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है, और न ही कोई प्रस्ताव कैबिनेट से पास हुआ है।
कैसे तैयार होती है वेतन आयोग की रिपोर्ट?
• आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के अफसरों, कर्मचारियों, पेंशनर्स के प्रतिनिधियों से परामर्श करता है
• विशेषज्ञों और कर्मचारी संगठनों की राय के आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है
• फिर सरकार उसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए प्रस्तुत करती है
क्या मिलेगा एरियर?
अगर आयोग का गठन देर से होता है और जनवरी 2026 से लागू नहीं हो पाता, तो केंद्र सरकार बकाया (एरियर) भुगतान कर सकती है। यह प्रक्रिया 7वें वेतन आयोग में भी अपनाई गई थी, जब सिफारिशें लागू करने में देरी हुई थी।