पूर्व PM शेख हसीना को सजा-ए-मौत: जानें क्या हैं वो 5 आरोप, जिनके लिए इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सुनाया ये फैसला

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पर अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT-1) ने मानवता के खिलाफ अपराधों का मुकदमा चलाया। अभियोजन पक्ष ने 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में उनकी भूमिका को “मास्टरमाइंड” बताया है। जिसकी वजह से उनको फांसी की सजा सुनाई गई।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 17 November 2025, 3:23 PM IST
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New Delhi: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया गया। शेख हसीना पर अपने शासनकाल में 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-1 (ICT-1) में आरोप है कि उन्होंने आम नागरिकों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा और हत्या की साजिश रची थी। इस मामले में उन्हें ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सोमवार को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया है। ट्रिब्यूनल ने उन्हें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड कहा है। जिसके आधार पर उनको फांसी की सजा सुनाई गई।

हिंसा, हत्या और यातना

अभियोजन का कहना है कि हसीना ने स्टेट फोर्स (पुलिस) अवामी लीग के हथियारबंद समर्थकों और अन्य संगठनों को आम नागरिकों विशेषकर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हमले के लिए उकसाया और हिंसा को बढ़ावा दिया। यह आरोप ट्रिब्यूनल की चार्जशीट का हिस्सा है।

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घातक हथियार, हेलीकॉप्टर और ड्रोन का उपयोग

अभियोजन कहता है कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों (विशेष रूप से छात्र-प्रदर्शनकारियों) को दबाने के लिए घातक हथियारों का इस्तेमाल करने, हेलीकॉप्टर और ड्रोन तैनात करने का आदेश दिया था। यह आरोप “क्राइम्स एगेन्स्ट ह्यूमैनिटी” (मानवता के खिलाफ अपराध) की श्रेणी में आता है, जैसा ट्रिब्यूनल में दर्ज आरोपों में है।

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यह आरोप कहता है कि हसीना और उनके सहयोगियों ने इस हत्या का आदेश दिया था, साजिश रची थी और इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे। यह दावा ट्रिब्यूनल के पक्ष में किया गया है कि हत्या योजना बद्ध थी और शीर्ष स्तर से निर्देशित थी।

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5 अगस्त को चांखारपुल में छह प्रदर्शनकारियों की हत्या

अभियोजन का यह आरोप है कि 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल इलाके में छह निर्दोष (निहत्थे) प्रदर्शनकारियों की हत्या हसीना के “सीधे आदेश”, उकसावे, सहायता और साजिश की वजह से हुई। ट्रिब्यूनल का कहना है कि हसीना “मास किलिंग” के लिए जिम्मेदार है, प्रदर्शनकारियों के बड़े पैमाने पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं अभियोजन में शामिल हैं।

गोलियां चलाना, शवों का दहन और जिंदा जलाने का आरोप

अभियोजन की चार्जशीट में यह दावा है कि कुछ प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई, एक को घायल किया गया; मारे गए पांच लोगों की लाशें जलाई गईं और एक प्रदर्शनकारी को जीवित जला दिया गया।

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  • 17 November 2025, 3:23 PM IST