हिंदी
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, जावेद अहमद सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई तेज करते दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में समन जारी किए हैं। ये समन फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस की जांच और विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी व जालसाजी संबंधी एफआईआर से जुड़े हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी (फोटो सोर्स गूगल)
New Delhi: फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, जावेद अहमद सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई तेज करते दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में समन जारी किए हैं। ये समन फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस की जांच और विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी व जालसाजी संबंधी एफआईआर से जुड़े हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी पुष्टि की।
हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने यूजीसी (UGC) की शिकायत पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं एक चीटिंग (धोखाधड़ी) और दूसरी फोर्जरी (जालसाजी) की। यूजीसी का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने सेक्शन-12 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है और फर्जी मान्यता (एक्रिडेशन) के दावे किए हैं। इन आरोपों के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ओखला स्थित विश्वविद्यालय के ऑफिस पहुंची और संबंधित दस्तावेज मांगे।
यूजीसी और एनएएसी की संयुक्त समीक्षा में विश्वविद्यालय में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने का दावा किया गया है। इसके बाद पुलिस ने औपचारिक नोटिस जारी कर यूनिवर्सिटी को सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
DN Exclusive: दिल्ली बम धमाके से आज भी करोड़ों लोगों में दहशत, ई-कॉमर्स पर फिर निर्भर जनता
दिल्ली पुलिस के अलावा फरीदाबाद की सीआईए टीम ने भी ओखला ट्रस्ट कार्यालय और चेयरमैन के घर पर जाकर परिजनों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज एकत्र किए। पुलिस का कहना है कि यूनिवर्सिटी के संचालन, मान्यता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं से जुड़ी हर फाइल की जांच की जा रही है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ शिकायत यूजीसी द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि यूनिवर्सिटी ने तथ्य छिपाकर मान्यता संबंधी दस्तावेज तैयार किए और गलत जानकारी देकर खुद को मान्यताप्राप्त बताया।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि फॉर्जरी और चीटिंग जैसे आरोप अत्यंत गंभीर हैं और दस्तावेजों में गड़बड़ी साबित होने पर यह संस्था के संचालन और मान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। जांच एजेंसियां टेरर मॉड्यूल केस के चलते यूनिवर्सिटी से जुड़े हर पहलू की पड़ताल कर रही हैं।
Red Fort Blast: आमिर राशिद अली को भेजा 10 दिन की NIA कस्टडी में; खुलेंगे बड़े राज
इस बीच जांच एजेंसियों को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के विदेशी फंडिंग लेने की आशंका है, जिसकी जांच जारी है। हालांकि यूनिवर्सिटी ने किसी भी विदेशी फंडिंग से साफ इनकार कर दिया है। ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर मोहम्मद रज़ी ने कहा कि यूनिवर्सिटी केवल छात्रों की फीस से संचालित होती है और वे जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग दे रहे हैं।
फरीदाबाद पुलिस द्वारा मांगे गए जमीन से जुड़े दस्तावेज भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सौंप दिए हैं। मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना है।