

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद भारत ने एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अधिकारी मौजूद थीं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुआ आतंकी हमला देश के लिए एक गहरा आघात था। इस क्रूर हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक और विभिन्न राज्यों के पर्यटक शामिल थे। इस जघन्य कांड के ठीक 15 दिन बाद, भारत ने मंगलवार, 7 मई, 2025 की देर रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस ऑपरेशन में 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद भारत ने 7 मई, 2025 को एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अधिकारी मौजूद थीं। इनमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह शामिल थीं। इन दोनों महिला अधिकारियों ने भारत के सैन्य पराक्रम की तस्वीर को दुनिया के सामने पेश किया और ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
बता दें कि कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। वह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच चुकी हैं। साल 2016 में उन्होंने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल का नेतृत्व किया था, जो भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था। इस अभ्यास में 18 देशों के सैन्य दलों में कर्नल सोफिया एकमात्र महिला कमांडर थीं, जिन्होंने अपनी कुशल रणनीति और नेतृत्व से सभी को प्रभावित किया।
सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था। उन्होंने जैव रसायन में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। उनका परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से है, उनके दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है। उन्होंने 1999 में भारतीय सेना में प्रवेश किया और चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया। कर्नल सोफिया ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी अपनी सेवाएं दी हैं। साल 2006 में उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ। उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए भी उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ का प्रशंसा पत्र मिल चुका है।
कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं व्योमिका सिंह
वहीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उनके नाम ‘व्योमिका’ का अर्थ है ‘आकाश की बेटी’। बचपन से ही हवाई जहाज उड़ाने का सपना देखने वाली व्योमिका ने कक्षा 6 से ही अपने इस लक्ष्य को संजोना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) से शुरुआत की और इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। वह अपने परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने सशस्त्र बलों में सेवा दी। 18 दिसंबर 2019 को उन्हें भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त हुआ। व्योमिका ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे दुर्गम इलाकों में चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है। उनकी विशेषज्ञता ऊंचे और जोखिम भरे इलाकों में हेलीकॉप्टर उड़ाने में है।
जानकारी के अनुसार, विंग कमांडर व्योमिका ने कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों में हिस्सा लिया है। नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में उन्होंने एक जटिल बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जहां कठिन मौसम और ऊंचाई के बावजूद उन्होंने कई लोगों की जान बचाई। उनकी बहादुरी और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणादायक सैन्य अधिकारी बनाया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुख्य उद्देश्य पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या का बदला लेना और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने PoK में स्थित 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया, जो नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई ने आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी और यह स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।