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अलीगढ़ के बन्ना देवी क्षेत्र के एक प्लंबर ने पीएमओ को पत्र भेजकर खुद को लाल किला और कुतुब मीनार का वारिस बताया है। उसने धरोहरें खाली कराकर सौंपने या प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच और सत्यापन शुरू कर दिया है।
लाल किला
Aligarh: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर पुलिस तक को चौंका दिया है। अलीगढ़ महानगर के बन्ना देवी इलाके में रहने वाले एक प्लंबर ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के आईजीआरएस पोर्टल पर पत्र भेजकर खुद को देश की ऐतिहासिक धरोहरों दिल्ली और आगरा के लाल किले तथा कुतुब मीनार का मालिक और वारिस बताया है। उसने इन धरोहरों को खाली कराकर अपने सुपुर्द करने या फिर प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने की मांग की है।
बन्ना देवी क्षेत्र निवासी अकबर नामक व्यक्ति ने सितंबर और नवंबर माह में आईजीआरएस पोर्टल पर दो हाथ से लिखे पत्र भेजे। इन पत्रों में उसने दावा किया कि दिल्ली और आगरा के लाल किले तथा कुतुब मीनार उसकी संपत्ति हैं। पत्र में लिखा गया कि या तो इन ऐतिहासिक इमारतों को खाली कराकर उसे सौंप दिया जाए या फिर वह जितनी धनराशि मांगे, उतनी उसे प्रदान की जाए। इसके अलावा उसने प्रधानमंत्री से सीधे मुलाकात कराने की भी मांग रखी।
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इस पूरे मामले को और गंभीर बनाते हुए अकबर ने अपने एक पत्र में खुद की जान को खतरा होने की बात भी लिखी है। उसने दावा किया कि देश के अलग-अलग राज्यों के 10 से अधिक बड़े विपक्षी नेताओं से उसे जान का खतरा है। पत्र में जिन नेताओं के नामों का उल्लेख किया गया है, वे सभी देश की राजनीति में जाने-पहचाने चेहरे बताए जा रहे हैं।
पीएमओ को मिले इन पत्रों को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए अलीगढ़ पुलिस को भेजा गया। इसके बाद बन्ना देवी थाना पुलिस ने मामले का सत्यापन शुरू किया। पत्र मिलने के बाद पुलिस महकमे में भी हलचल मच गई, क्योंकि मामला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और देश की ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़ा हुआ था।
मामले की जांच सीओ द्वितीय कमलेश कुमार को सौंपी गई। पुलिस ने पत्र भेजने वाले अकबर को थाने बुलाकर पूछताछ शुरू की। शुरुआती बातचीत में सामने आया कि अकबर पेशे से प्लंबर का काम करता है और बन्ना देवी इलाके में ही रहता है।
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11 दिसंबर को अकबर से पहली बार विस्तार से बातचीत की गई, लेकिन पुलिस के अनुसार उस दिन ज्यादा ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी। अकबर अपने दावों पर कायम रहा, लेकिन उसके पास इन दावों को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज या ठोस आधार नहीं मिला।
पुलिस अब उस लोकवाणी केंद्र संचालक को भी बुलाने की तैयारी कर रही है, जिसके माध्यम से अकबर ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस यह जानना चाहती है कि शिकायत दर्ज करते समय किस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई और क्या कोई असामान्य बात सामने आई थी।
सीओ द्वितीय कमलेश कुमार ने बताया कि फिलहाल बयान दर्ज किए जा रहे हैं और सभी तथ्यों का सत्यापन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह सब किस उद्देश्य से किया है, इसकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।