शीतकालीन सत्र को लेकर अधिसूचना जारी, एसआईआर पर हंगामे की संभावना; जानें कब से शुरू होगा सत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा। पांच दिवसीय सत्र के दौरान सरकार कई अहम विधायी कार्य करेगी। विपक्ष द्वारा एसआईआर को लेकर सदन में जोरदार हंगामे की संभावना जताई जा रही है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 December 2025, 9:23 AM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा। इसको लेकर शुक्रवार को शासन की ओर से आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। पांच दिवसीय इस सत्र में राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पूरा करने की तैयारी में है। वहीं विपक्षी दलों ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि वे इस सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति के साथ सदन में उतरेंगे।

पांच दिन चलेगा विधानसभा सत्र

इस बार शीतकालीन सत्र अपेक्षाकृत छोटा है, लेकिन राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। सत्र के दौरान प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, शून्यकाल और विभिन्न विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है। सरकार जहां विकास कार्यों और नीतिगत फैसलों को सदन के पटल पर रखने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के मूड में नजर आ रहा है।

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अधिसूचना जारी, तैयारियां तेज

शीतकालीन सत्र को लेकर शुक्रवार को अधिसूचना जारी होते ही विधानसभा सचिवालय और शासन स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। विधायकों को भी सत्र की तिथियों और एजेंडे की जानकारी भेजी जा रही है।

सरकार के लिए अहम होंगे विधायी कार्य

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार इस सत्र में कई विधायी कार्यों को निपटाने की कोशिश करेगी। इनमें कुछ विधेयकों को पारित करना, वित्तीय मामलों पर चर्चा और विभिन्न विभागों से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं। सरकार की कोशिश रहेगी कि सत्र के सीमित समय का अधिकतम उपयोग किया जाए।

एसआईआर बना सबसे बड़ा सियासी मुद्दा

इस शीतकालीन सत्र में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को लेकर होने वाला माना जा रहा है। विपक्षी दल पहले से ही इस प्रक्रिया को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर के जरिए मतदाता सूची में गड़बड़ी की जा रही है और कुछ वर्गों को मतदान से वंचित करने की कोशिश हो रही है।

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विपक्ष के तेवर सख्त

सत्र से पहले ही समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संकेत दिए हैं कि वे एसआईआर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसमें जनहित की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे पर टकराव देखने को मिल सकता है।

हंगामेदार रहने की संभावना

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सत्र के शुरुआती दिनों में ही एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा हो सकता है। अगर विपक्ष ने वॉकआउट या धरना-प्रदर्शन का रास्ता अपनाया, तो सदन की कार्यवाही बाधित होने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सभी दलों से शांतिपूर्ण चर्चा की अपील किए जाने की संभावना है।

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  • Lucknow

Published : 
  • 13 December 2025, 9:23 AM IST