कोडीन कफ सिरप तस्करी पर ED का बड़ा वार, 1000 करोड़ के रैकेट की खुलीं परतें; पढ़ें चौंकाने वाले खुलासे

कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी है। यूपी, झारखंड और गुजरात में 25 ठिकानों पर छापेमारी में 1000 करोड़ के नेटवर्क के सबूत मिले हैं। ED अब रैकेट के फाइनेंशियल ब्रेन और राज्य-दर-राज्य सप्लाई चेन की जांच में जुटी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 December 2025, 8:54 AM IST
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Lucknow: देश में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोडीनयुक्त कफ सिरप के एक विशाल नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस तस्करी रैकेट का कारोबार 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जा रहा है। शुक्रवार सुबह शुरू हुई ED की छापेमारी शनिवार को भी जारी रही, जिसमें यूपी, झारखंड और गुजरात के कुल 25 ठिकानों पर एक साथ तलाशी ली जा रही है।

67 आरोपियों के खिलाफ ECIR के बाद तेज हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, 67 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन मामले की रिपोर्ट (ECIR) दर्ज किए जाने के करीब 9 दिन बाद यह व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। ED को इस दौरान कई अहम वित्तीय और डिजिटल सुराग हाथ लगे हैं, जिससे यह साफ हो रहा है कि यह रैकेट केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि अंतर-राज्यीय नेटवर्क के रूप में काम कर रहा था।

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25 ठिकानों से मिले अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत

ED की टीमों ने यूपी, झारखंड और गुजरात में एक साथ छापेमारी कर बड़ी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया है। इनमें संदिग्ध पेमेंट एंट्री, फर्जी बिलिंग के कागजात, इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्ट परमिट और कई कंपनियों से जुड़े लेन-देन का रिकॉर्ड शामिल है। जांच में सामने आया है कि बीते पांच वर्षों में करीब 1,000 करोड़ रुपये का कफ सिरप नेटवर्क सक्रिय रहा, जो मेडिकल सप्लाई की आड़ में नशीले सिरप की तस्करी कर रहा था।

मेडिकल डायवर्जन से कहीं आगे था खेल

ED की शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि यह मामला केवल मेडिकल डायवर्जन तक सीमित नहीं था। कफ सिरप को फर्जी कंपनियों के जरिए अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर सप्लाई किया जा रहा था। इन कंपनियों के नाम पर माल भेजा जाता था, जबकि असल में उनका कोई वास्तविक व्यापार नहीं था।

गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों तक फैली जड़ें

सूत्रों के मुताबिक, जांच की जड़ें अब तीन से ज्यादा राज्यों तक फैल सकती हैं। अहमदाबाद और सूरत में मिले दस्तावेजों से पता चला है कि कफ सिरप को फर्जी “फार्मा सप्लाई” के नाम पर बाहर भेजा जा रहा था।

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फर्जी बिलिंग और हवाला के जरिए सफेद किया पैसा

ED की जांच में यह भी सामने आया है कि रैकेट से जुड़ी कंपनियां फर्जी बिलिंग और हवाला नेटवर्क के जरिए अवैध कमाई को वैध दिखाने का काम कर रही थीं। कई कंपनियां सिर्फ कागजों पर बनाई गई थीं, जिनके नाम पर इंटर-स्टेट ई-वे बिल जेनरेट किए जाते थे। इन कंपनियों के बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ, जिसकी अब फॉरेंसिक ऑडिट कराई जा रही है।

डिजिटल डेटा से खुले नए नाम

छापेमारी के दौरान जब्त किए गए मोबाइल, लैपटॉप और एक्सेल शीट्स से ED को कई नए सुराग मिले हैं। इनमें ऐसे व्यक्ति और फर्मों के नाम दर्ज हैं, जिनका सीधा संबंध कफ सिरप की सप्लाई, ट्रांसपोर्ट और पेमेंट चैन से बताया जा रहा है। ED इन सभी संदिग्धों का बैकग्राउंड वेरिफिकेशन कर रही है।

कई लोगों को जल्द मिल सकते हैं समन

तलाशी अभियान के बाद ED अब पूछताछ की तैयारी में है। जिन लोगों के घरों, दफ्तरों और गोदामों से दस्तावेज जब्त किए गए हैं, उन्हें जल्द ही समन भेजा जा सकता है। इसके साथ ही कफ सिरप तस्करी से अर्जित धन से खरीदी गई संपत्तियों की पहचान भी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुर्की और जब्ती की कार्रवाई भी हो सकती है।

राज्य-दर-राज्य सप्लाई चेन पर फोकस

ED अब इस पूरे नेटवर्क की राज्य-दर-राज्य सप्लाई चेन को मैप करने में जुटी है। जांच एजेंसी यह जानने की कोशिश कर रही है कि किस राज्य से सिरप तैयार हुआ, किन रास्तों से भेजा गया और किन इलाकों में इसकी खपत हुई। सूत्रों का कहना है कि इस जांच के दायरे में आने वाले दिनों में और भी राज्यों को शामिल किया जा सकता है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 13 December 2025, 8:54 AM IST