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दिल्ली के गांधी विहार में यूपीएससी अभ्यर्थी रामकेश मीणा की हत्या का मामला अब और भी सनसनीखेज हो गया है। जांच में पता चला है कि आरोपी अमृता चौहान, जो फोरेंसिक साइंस की छात्रा थी और रामकेश के साथ लिव-इन में रहती थी, को उसके परिवार ने पहले ही बेदखल कर दिया था। अब यही युवती अपने साथी सुमित और संदीप के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचने और फ्लैट को जलाकर सबूत मिटाने के आरोप में जेल में है।
प्रेमिका अमृता चौहान
New Delhi: दिल्ली के गांधी विहार में कुछ हफ्ते पहले हुए एक “आग के हादसे” ने अब हत्या की शक्ल ले ली है। शुरुआत में पुलिस को लगा था कि यह शॉर्ट सर्किट से लगी आग है, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज ने जो कहानी बताई, उसने राजधानी पुलिस को हिला कर रख दिया। यह मामला राजस्थान के 24 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी रामकेश मीणा की हत्या का है- जिसे उसके लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान (21) ने अपने दो साथियों सुमित कश्यप और संदीप कुमार के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया।
लिव-इन रिश्ता और टूटता भरोसा
दिल्ली पुलिस के अनुसार, अमृता चौहान फोरेंसिक साइंस की छात्रा थी और मई 2024 से रामकेश के साथ गांधी विहार के एक फ्लैट में रह रही थी। शुरुआत में रिश्ता सामान्य था, लेकिन सब कुछ तब बदल गया जब अमृता को पता चला कि रामकेश ने चोरी-छिपे उसके निजी वीडियो रिकॉर्ड कर लिए थे।
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जब अमृता ने बार-बार उन वीडियो को डिलीट करने को कहा, तो रामकेश ने इनकार कर दिया। यही घटना हत्या की प्रेरणा (motive) बनी। “एक परफेक्ट क्राइम” का भ्रम गुस्से में अमृता ने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप से संपर्क किया और पूरी हत्या की साजिश रची। 5 से 6 अक्टूबर की रात सुमित और उसका दोस्त संदीप मुरादाबाद से दिल्ली आए।
सीसीटीवी फुटेज में तीनों की हरकतें साफ दिखीं- पहले दो नकाबपोश लड़के फ्लैट में दाखिल होते हैं, कुछ सेकंड बाद एक महिला (अमृता) भी अंदर जाती है, सुबह 2:57 बजे वही महिला और एक शख्स बाहर निकलते दिखाई देते हैं। कुछ ही मिनटों बाद, फ्लैट में जोरदार धमाका हुआ और आग की लपटों में सब कुछ जल गया।
हत्या के बाद ‘हादसा’ दिखाने की कोशिश
डीसीपी (नॉर्थ) राजा बंथिया के अनुसार, जांच में पता चला कि तीनों ने पहले रामकेश का गला घोंटा, फिर उसके शरीर पर घी, तेल और शराब डाली। इसके बाद गैस सिलेंडर का वाल्व खोलकर आग लगाई ताकि यह हादसा लगे, हत्या नहीं। अमृता ने गेट को अंदर से बंद करने के लिए एक छोटा छेद छोड़ रखा था, जिससे वह और उसके साथी बाहर निकल सके। उसकी फोरेंसिक ट्रेनिंग ने उसे सबूत मिटाने में मदद की, लेकिन आग के पैटर्न और जले हुए अवशेषों से पुलिस को जल्द ही संदेह हो गया।
डिजिटल सबूतों ने खोला राज़
फोरेंसिक टीम ने आग की दिशा और गैस लीक के पैटर्न से पुष्टि की कि यह “एक योजनाबद्ध विस्फोट” था। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से यह साबित हो गया कि अमृता उस रात घटनास्थल के आसपास ही थी। 18 अक्टूबर को पुलिस ने अमृता को गिरफ्तार किया, और पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया। 21 अक्टूबर को सुमित और 23 अक्टूबर को संदीप को भी पकड़ लिया गया। उनके पास से एक हार्ड डिस्क, दो मोबाइल फोन, एक ट्रॉली बैग और रामकेश की शर्ट बरामद हुई।
एक साल पहले ही परिवार ने तोड़ दिए थे रिश्ते
जांच के दौरान सामने आया कि अमृता को उसके अपने परिवार ने जुलाई 2024 में ही बेदखल कर दिया था। 8 जुलाई 2024 को उसके माता-पिता ने एक अखबार में सार्वजनिक विज्ञापन छपवाया था, जिसमें उन्होंने अमृता से सभी पारिवारिक और सामाजिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की थी। अब वही विज्ञापन अदालत में एक अहम सबूत के रूप में पेश किया गया है।
क्राइम वेब सीरीज से प्रेरित थी अमृता
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमृता को क्राइम वेब सीरीज और फोरेंसिक थ्योरी से “परफेक्ट क्राइम” का भ्रम हो गया था। वह मानती थी कि आग लगाकर वह सबूतों को पूरी तरह मिटा सकती है। लेकिन डिजिटल ट्रेल, फोरेंसिक विश्लेषण और सीसीटीवी ने उसकी ‘परफेक्ट प्लानिंग’ को ध्वस्त कर दिया।