हिंदी
भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 261 अंक और निफ्टी 62.9 अंक लुढ़क गया। निवेशकों को पोर्टफोलियो और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना जरूरी है। मुनाफा वसूली और मजबूत कंपनियों में निवेश पर ध्यान दें।
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट
New Delhi: भारतीय शेयर बाजार आज शुरुआती कारोबार में लाल निशान पर खुला और निवेशकों में सतर्कता की लहर दौड़ गई। बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 261.39 अंक गिरकर 83,677.32 के स्तर पर खुला, जबकि निफ्टी 62.9 अंक की गिरावट के साथ 25,659.20 पर खुला। बाजार में यह कमजोरी शुक्रवार के बंद स्तर के बाद जारी रही।
पिछले दिन यानी शुक्रवार, 31 अक्टूबर को सेंसेक्स 465.75 अंक की गिरावट के साथ 83,938.71 अंक पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी ने 155.75 अंक की कमी के साथ 25,722.10 अंक पर बंद होने के बाद आज भी लाल निशान में कारोबार किया। एनएसई पर कुल 3,178 शेयरों में ट्रेडिंग हुई थी, जिनमें से 1,220 शेयरों में तेजी रही, 1,844 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए और 114 शेयरों के रेट में कोई अंतर नहीं आया।
Share Market: तेजी के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में फिसले
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में लगातार गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, कच्चे तेल और विदेशी निवेशकों की फंडिंग की स्थिति, साथ ही घरेलू निवेश धाराओं में बदलाव हैं। निवेशकों के लिए यह समय बेहद संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि बाजार में तेजी या मंदी के संकेत अक्सर छोटे अंतराल में आते हैं।
आज की शुरुआती कमजोरी के बीच निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले, व्यक्तिगत निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में जोखिम को संतुलित करना होगा। केवल उन शेयरों में निवेश करना जो लंबी अवधि में मजबूत प्रदर्शन दिखाते हैं, एक सुरक्षित रणनीति हो सकती है। ऐसे में उद्योग विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक तकनीकी और फंडामेंटल दोनों प्रकार के विश्लेषण को ध्यान में रखें।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
इसके अलावा, मुनाफा वसूली के अवसरों को पहचानना भी निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है। बाजार में गिरावट के दौरान कुछ गुणवत्तापूर्ण शेयरों की कीमतें गिरती हैं, जो लंबी अवधि में निवेश करने वालों के लिए अवसर प्रदान कर सकती हैं। निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि केवल अल्पकालिक उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया देने के बजाय, अपनी निवेश रणनीति और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निर्णय लें।
फाइनेंशियल विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक सट्टेबाजी या अफवाहों के आधार पर शेयर खरीदने या बेचने से बचें। बाजार में लाल निशान के बावजूद स्थिर कंपनियों में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। इसके अलावा, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन बनाए रखना चाहिए। अलग-अलग सेक्टर और कंपनियों में निवेश करने से जोखिम कम किया जा सकता है।
आज के कारोबार में वित्तीय, आईटी और ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन सेक्टरों में वैश्विक मांग और घरेलू नीतियों के प्रभाव से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। निवेशकों को बाजार की ताजा खबरें, सरकारी नीतियों और आर्थिक डेटा पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि ये कारक बाजार के रुझान को प्रभावित करते हैं।
मूल्यांकन के दृष्टिकोण से, आज के बाजार में निवेशक उन कंपनियों की वित्तीय स्थिति और लाभांश की स्थिरता पर ध्यान दें। जिन कंपनियों के पास मजबूत बैलेंस शीट और स्थिर नकदी प्रवाह है, उनका शेयर बाजार में दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान कर सकता है। निवेशकों को जोखिम प्रबंधन के लिए स्टॉप लॉस और अन्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करना चाहिए।
Share Market: हल्की गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार, शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद फिर आई तेजी
अंततः, निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जानकारी का सही और समय पर उपयोग करना। बाजार में लाल निशान पर खुलने के बावजूद सही विश्लेषण और रणनीति से निवेशक जोखिम को नियंत्रित कर लाभ उठा सकते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए और मार्केट की चाल को समझकर सतर्क तरीके से निवेश करना चाहिए।