

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सरकारी आवास को लेकर जारी चर्चाओं के बीच उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो सरकारी आवास को खाली करने पर बड़ी बात कहते नजर आ रहे हैं।
परिवार के साथ डी वाई चंद्रचूड़
नई दिल्ली: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ के सरकारी आवास को खाली न करने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध में सरकार को लिखा पत्र मीडिया में लीक होने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा। इस मामले पर जारी चर्चाओं के बीच पूर्व सीजेआई का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे साफ कह रहे हैं कि वे अपने सरकारी बंगले को जल्द खाली करेंगे लेकिन इससे पहले वे अपनी बेटियों के हिसाब से अपना आवास तैयार करवाएंगे।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ का यह वीडियो 10 अप्रैल 2025 का है, जिसमें वे नई दिल्ली में मिशन एक्सेसिबिलिटी कार्यक्रम में एक भाषण दे रहे हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन एनजीओ के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट के दो ब्लाइंड वकीलों, राहुल बजाज और अमर जैन ने एक बाधा-मुक्त, समावेशी भारत के निर्माण की थीम के लिए की थी।
इस कार्यक्रम में पूर्व सीजेआई ने सरकारी आवास को खाली करने के संबंध में कहा, ‘हमारा सारा सामान पैक हो चुका है, सिर्फ रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें बाहर हैं। हम जल्द ही यहां से शिफ्ट हो जाएंगे। हम अधिकतम 10 दिन या दो हफ्ते में यह बंगला खाली कर देंगे।'
बेटियों के साथ फुर्सत के पल में पूर्व सीजेआई
इस कार्यक्रम में उन्होंने सरकारी आवास को खाली करने में हो रही देरी का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि सारा सामान पैक हो चुका है, लेकिन जरूरी फर्नीचर ट्रक से नए घर में भेजा जाना बाकी है। वह जल्द ही तीन मूर्ति मार्ग स्थित नए सरकारी आवास में शिफ्ट हो जाएंगे, जहां वह अधिकतम 6 महीने तक रह सकते हैं।
पूर्व सीजेआई ने इस देरी का एक और मानवीय कारण भी बताया कि उनकी दो बेटियां गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से जूझ रही है, इसलिये नया आवास उनकी बेटियों के अनुकूल होना चाहिये। बस इसी कारण इसमें देरी हो रही है और आवास को बेटियों के अनुकूल तैयार करवाया जा रहा है।
पत्नी व दोनों बेटियों के साथ डी वाई चंद्रचूड़
'मिशन एक्सेसिबिलिटी' कार्यक्रम द्वारा10 अप्रैल 2025 को आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. चंद्रचूड़ ने बताया था कि 30 अप्रैल 2025 को उन्हें सरकारी आवास खाली करना था, लेकिन अभी तक उन्हें अपनी बेटियों की जरूरतों के हिसाब से नया घर नहीं मिल पाया है, इसलिये इसमें देरी हुई।
पूर्व सीजेआई आगे कहते हैं “हमारी दो बेटियां हैं, जिन्हें विशेष जरूरतें हैं। हमने कई घर देखे, लेकिन हर एक में कुछ न कुछ असुविधा थी। कहीं हर कमरा अलग-अलग लेवल पर था, तो कहीं सीढ़ियां थीं। एक मकान मालिक ने लकड़ी का रैंप लगाने की बात की, लेकिन उसे यह एहसास नहीं था कि लकड़ी का रैंप सिर्फ लेवल वन और लेवल जीरो के बीच एक छोटा सा कनेक्टर लगाने से ज्यादा कुछ नहीं है, बल्कि इससे भी ज्यादा कुछ है”।
इस संदर्भ में चंद्रचूड़ ने अपने एक फैसले (राजीव रतूड़ी केस) का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने भारत में सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और आवास को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने पर जोर दिया था।
पूर्व चीफ जस्टिस के इस वीडियो के सामने आने के बाद कई सवालों के जवाब तो मिलते हैं लेकिन कई सवाल भी खड़े हो जाते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शीर्ष अदालत में अपने ऐतिहासिक फैसलों के साथ आम नागरिक के तौर पर भी कई उच्च आदर्श स्थापित करने वाले देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के इस सार्वजनिक ऐलान के बाद भी आखिर सुप्रीम कोर्ट का पत्र क्यों लीक किया गया? इसलिये यह ताजा मामला कोई साजिश और उनको विवाद में लाने के लिए इरादे से किया गया लगता हैं।
एक सवाल यह भी है कि पूर्व सीजेआई को पत्र भेजने और उसे मीडिया में लीक करने की इतनी जल्दी क्यों और किसको थी? यह एक विश्व स्तर पर सम्मानित न्यायविद की छवि को बदनाम करने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास की ओर इशारा करता है।