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दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने GRAP-3 लागू कर दिया है। इस कदम के तहत निर्माण कार्यों पर रोक और गैर-जरूरी वाहनों पर प्रतिबंध जैसे कई कड़े उपाय उठाए गए हैं। प्रदूषण के कारण आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है।
दिल्ली में GRAP-3 लागू (Img: Google)
New Delhi: राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में है। आसमान में धुंध की मोटी परत से लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्ली का प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है। वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर को पार कर चुका है। इस वजह से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
दिल्ली में13 दिसंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 700 से 800 के बीच रिकॉर्ड किया गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से GRAP-3 लागू कर दिया है। इस फैसले से दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं। जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, गैर-आवश्यक वाहनों पर प्रतिबंध और औद्योगिक उत्सर्जन पर निगरानी।
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दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के कारण कई इलाकों में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 21 निगरानी स्टेशनों पर AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया। जिसमें वजीरपुर, विवेक विहार और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में सर्वाधिक प्रदूषण देखा गया।
प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारणों में पश्चिमी राज्यों में पराली जलाने की घटना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके अलावा, दिल्ली की भौगोलिक स्थिति, बढ़ती गाड़ियों की संख्या और निर्माण कार्य भी प्रदूषण में इजाफा कर रहे हैं। मौसम में बदलाव और क्लाइमेट चेंज भी प्रदूषण के स्तर को प्रभावित कर रहे हैं।
GRAP-3 के तहत कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर पाबंदी और कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री का परिवहन बंद किया गया है। हालांकि, मेट्रो, रेलवे, हवाई अड्डे और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी आवश्यक परियोजनाओं को सशर्त छूट दी गई है।
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CAQM ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और कक्षा 5 तक की हाइब्रिड पढ़ाई की अनुमति दी है। विकलांगों के लिए विशेष छूट प्राप्त वाहन चलाने की भी व्यवस्था की गई है।