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लोकसभा में शुक्रवार (12 दिसंबर) को कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने सदन के भीतर केंद्र सरकार से पूछा कि आने वाले चार से पांच वर्षों में इस समस्या से निपटने के लिए सरकार के पास क्या ठोस रणनीति और रोडमैप है।
राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाया सवाल
New Delhi: लोकसभा में शुक्रवार (12 दिसंबर) को कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने सदन के भीतर केंद्र सरकार से पूछा कि आने वाले चार से पांच वर्षों में इस समस्या से निपटने के लिए सरकार के पास क्या ठोस रणनीति और रोडमैप है। उनके मुताबिक, प्रदूषण केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि देश के करोड़ों लोगों के जीवन और भविष्य से जुड़ा संकट है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के अधिकांश बड़े और प्रमुख शहर आज “जहरीली हवा की चादर” में ढंके हुए हैं। उन्होंने चिंता जताई कि लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और पूरी पीढ़ियों का भविष्य खतरे में है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का सवाल है।
सदन में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने सभी दलों से अपील की कि इस विषय पर परस्पर आरोप-प्रत्यारोप से बचा जाए। उन्होंने कहा कि यह देखने की आवश्यकता है कि हम आगे क्या कदम उठाएं, न कि यह कि अतीत में किसने क्या नहीं किया।उन्होंने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर सभी दलों में सहमति है और यह एक ऐसा विषय है जिस पर एकजुट होकर काम करना चाहिए।
लोकसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। यह बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में उन्होंने सुझाव दिया है कि वायु प्रदूषण पर विशेष चर्चा होनी चाहिए और भविष्य की रणनीति पर सभी दलों को एकमत होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर विशेषज्ञों की राय लेना जरूरी है, ताकि वैज्ञानिक और व्यावहारिक समाधान खोजे जा सकें। संसद यह संदेश दे कि वह जनता की सेहत और भविष्य को लेकर एकजुट है और इस समस्या के समाधान के लिए साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण देश की चिंता है, न कि किसी पार्टी का एजेंडा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर मिलकर काम करेंगे और भारत की जनता को यह विश्वास दिलाएंगे कि आने वाले वर्षों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मजबूत और कारगर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से स्पष्ट रोडमैप पेश करने की मांग की, ताकि आने वाले वर्षों में प्रदूषण रोकने हेतु ठोस पहल संभव हो सके।