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नैनीताल जिले के हल्द्वानी क्षेत्र में बनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 3 फरवरी 2026 तक टल गई है। पहले यह मामला 16 दिसंबर 2025 को सूचीबद्ध था, लेकिन न्यायालय ने इसे अगले सत्र तक स्थगित कर दिया।
रेलवे भूमि मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
Nainital: नैनीताल जिले के हल्द्वानी क्षेत्र में बनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 3 फरवरी 2026 तक टल गई है। पहले यह मामला 16 दिसंबर 2025 को सूचीबद्ध था, लेकिन न्यायालय ने इसे अगले सत्र तक स्थगित कर दिया। इस स्थगन के बाद स्थानीय लोग, प्रशासन और सभी संबंधित पक्ष फिर से सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
10 दिसंबर को जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था, तो क्रम संख्या 15 पर दर्ज एक अन्य मामले में लंबी बहस के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद न्यायालय ने अगली तारीख 16 दिसंबर 2025 निर्धारित की, लेकिन अब यह तारीख भी स्थगित कर दी गई है। सुनवाई में लगातार देरी ने बनभूलपुरा क्षेत्र में अनिश्चितता और चिंता दोनों बढ़ा दी हैं।
बनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद लंबे समय से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों में मामले की सही दिशा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, प्रशासन भी पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए है ताकि विवाद किसी बड़े विवाद या अराजकता का कारण न बने।
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विशेषज्ञों का कहना है कि 3 फरवरी 2026 की सुनवाई इस मामले की दिशा तय कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से न केवल जमीन के कानूनी स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि क्षेत्र में चल रही अनिश्चितता और विवाद को भी खत्म किया जा सकेगा। इस मामले में निर्णय से स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को कार्यवाही करने में सहूलियत होगी।
स्थानीय प्रशासन ने कोर्ट की अगली सुनवाई तक मामले की गहन निगरानी जारी रखने का निर्णय लिया है। अधिकारी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, स्थानीय लोग भी कोर्ट के फैसले से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि विवाद का न्यायपूर्ण समाधान मिलेगा।
Nainital News: बनभूलपुरा भूमि विवाद, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
बनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद लंबे समय से अटका हुआ मामला है और इसकी सुनवाई बार-बार स्थगित होने से क्षेत्र में अनिश्चितता बढ़ी है। अब सबकी निगाहें 3 फरवरी 2026 की संभावित सुनवाई पर हैं। इस सुनवाई से न केवल विवाद की कानूनी दिशा स्पष्ट होगी बल्कि हल्द्वानी क्षेत्र के लोगों के लिए लंबे समय से बनी चिंता और अनिश्चितता का अंत होने की उम्मीद है।