

12 अक्टूबर को आयोजित होने वाली राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारंभिक परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने तैयारियों की गहन समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने पीसीएस-जे परीक्षा की तैयारियों का लिया जायजा
Gorakhpur: गोरखपुर में आगामी 12 अक्टूबर को आयोजित होने वाली राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारंभिक परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने तैयारियों की गहन समीक्षा की। लखनऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में गोरखपुर मंडलायुक्त सभागार से मंडलायुक्त अनिल ढिंगरा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर, एडीएम सिटी एवं नोडल अधिकारी अंजनी कुमार सिंह तथा डीआईओएस अमरकांत सिंह उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने बताया कि गोरखपुर जनपद में कुल 41 परीक्षा केंद्रों पर 19,224 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। प्रत्येक केंद्र पर लगभग 480 परीक्षार्थी दोनों पालियों में शामिल होंगे। परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 41 स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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मुख्य सचिव गोयल ने कहा, “परीक्षा की शुचिता और निष्पक्षता सर्वोपरि है। प्रत्येक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी सतर्कता और निष्ठा से करें। किसी भी केंद्र पर गड़बड़ी या लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने निर्देश दिया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहे और परीक्षा के दौरान शांति, सुरक्षा एवं अनुशासन का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि जिले का पूरा प्रशासनिक और पुलिस तंत्र परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए मुस्तैद है। “सभी परीक्षा केंद्रों पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी और किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
एसएसपी राज करन नय्यर ने बताया कि परीक्षा के दिन सुरक्षा के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। “टीआई, टीएसआई और ट्रैफिक पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगा दी गई है ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा न हो,” उन्होंने कहा।
मंडलायुक्त अनिल ढिंगरा ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर पेयजल, स्वच्छता, बिजली और प्रवेश-निकास व्यवस्था की पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।
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मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि परीक्षा निरीक्षकों में 50 प्रतिशत बाहरी विद्यालयों और 50 प्रतिशत उसी विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने दोहराया, “हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक अभ्यर्थी को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और निष्पक्ष वातावरण में परीक्षा देने का अवसर मिले।”