दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र समाप्त, जानें इस बार कितनें पर्यटकों ने किया वन्यजीवों का दीदार

जिले में स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व का 2024 25 का पर्यटन सत्र आज रविवार को समाप्त हो गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट में

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 15 June 2025, 8:36 PM IST
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लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित प्रसिद्ध दुधवा टाइगर रिजर्व का 2024-25 का पर्यटन सत्र रविवार को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। करीब सात महीने तक यह सीजन चला है।

डाइनामाइट न्यूज़ सवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस पर्यटन सीजन में देश-विदेश से हजारों सैलानियों ने दुधवा के घने जंगलों और दुर्लभ वन्यजीवों का रोमांचक अनुभव लिया।

57,000 से अधिक पर्यटक पहुंचे दुधवा

इस बार के पर्यटन सत्र में कुल 57,000 से अधिक भारतीय पर्यटक और 644 विदेशी पर्यटक दुधवा टाइगर रिजर्व पहुंचे। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर रही है। जो इस बात का प्रमाण है कि दुधवा टाइगर रिजर्व अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटक मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान बना चुका है।

1.85 करोड़ से अधिक का हुआ राजस्व प्राप्त

दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डॉ. रंग राजू टी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी कि इस बार पर्यटन सत्र के दौरान कुल 1 करोड़ 85 लाख 20 हजार 398 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आय प्रवेश शुल्क, गाइड शुल्क, वाहन शुल्क आदि स्रोतों से प्राप्त हुई।

बाघ, गैंडे और हाथी बने आकर्षण का केंद्र

दुधवा टाइगर रिजर्व और किशनपुर वन्य जीव विहार में पर्यटकों ने बाघ, हाथी, एक सींग वाले गैंडे, हिरण, मोर, अजगर, बाज और अन्य दुर्लभ वन्य जीवों का दीदार किया। इनमें बेलडंडा बाघिन विशेष आकर्षण का केंद्र रही। जिसे कई पर्यटकों ने खुले जंगल में देखा। इसके अलावा जलक्रीड़ा करते हाथी और अपने शावकों के साथ खेलते बाघ पर्यटकों के कैमरे में कैद हुए।

जंगलों में भराव के चलते बंद होता है रिजर्व

प्राकृतिक कारणों और मानसून के प्रभाव के चलते हर वर्ष जून के मध्य में दुधवा टाइगर रिजर्व को सैलानियों के लिए बंद कर दिया जाता है। नवंबर माह में पुनः कपाट खोले जाते हैं। वर्षा के कारण जंगलों में पानी भरने लगता है, जिससे वन्यजीव ऊंचे क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं और आमतौर पर सैलानी उन्हें देख नहीं पाते। इसी कारण से रिजर्व को बंद कर दिया जाता है।

सहयोगियों को उपनिदेशक ने दिया धन्यवाद

डॉ. रंग राजू टी ने रिजर्व की व्यवस्था बनाए रखने और सैलानियों को बेहतर अनुभव देने के लिए जिप्सी चालकों, वन अधिकारियों, वनकर्मियों और अन्य सहयोगियों को धन्यवाद भी ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले सीजन में और भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जाएगा।

नवंबर से फिर खुलेगा रोमांच का द्वार

अब दुधवा टाइगर रिजर्व नवंबर 2025 से पुनः सैलानियों के लिए खोला जाएगा। तब तक के लिए यह बंद रहेगा। इस दौरान वन विभाग साफ-सफाई, मरम्मत और वन्यजीवों की निगरानी से जुड़े कार्यों में जुटा रहेगा।

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