

गोरखपुर में सोमवार की सुबह गोला उरुवा मार्ग पर बच्चों से भरी एक स्कूल बस हादसे का शिकार हो गई। घटना से अभिभावकों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। सूचना पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
Gorakhpur: गोला उरुवा मार्ग पर सोमवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। ग्राम सभा हरपुर स्थित आरएसपी एकेडमी की स्कूल बस सड़क किनारे गहरे गड्ढे में पलट गई। इस भीषण हादसे में बस में सवार ग्यारह बच्चों में एक छात्र को गंभीर चोटें आईं है। इनमें छह वर्षीय छात्र आशीष की हालत अत्यंत नाजुक बताई जा रही है।
घायल बच्चों को स्थानीय लोगों और परिजनों ने तत्काल गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद आशीष को विशेष इलाज के लिए रेफर किया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही गोला पुलिस मौके पर पहुंची और बस चालक उदय प्रताप सिंह (निवासी बदौली, थाना गोला) को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि चालक शराब के नशे में धूत था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नाथ ठाकुर ने पुष्टि की कि चालक के मेडिकल परीक्षण में हल्का नशा पाया गया और उसका सैंपल आगे की जांच के लिए भेजा गया है।
चालक ने दावा किया कि बस का स्टेयरिंग जाम होने से हादसा हुआ, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि नशे के कारण उसने वाहन पर नियंत्रण खो दिया, जिससे यह दुर्घटना हुई।
हादसे ने स्थानीय समुदाय और अभिभावकों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि बस चालकों की कोई नियमित जांच नहीं होती।
कई परिजनों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीन है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय निवासियों ने भी इस मार्ग पर बार-बार होने वाले हादसों पर चिंता जताई और प्रशासन से सड़क की मरम्मत व सुरक्षा उपायों की मांग की।
गोला पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि स्कूल बसों की नियमित जांच, चालकों के लिए अनिवार्य ड्रग और एल्कोहल टेस्ट, साथ ही सड़क सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।
यह हादसा न केवल बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करता है, बल्कि स्कूल प्रबंधन और प्रशासन की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल उठाता है। क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है।