UP Crime: गोरखपुर पुलिस लाइन में इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित, जानें पूरी खबर

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देशानुसार पुलिस लाइन गोरखपुर में इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) प्रशिक्षण कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यशाला समाज में समावेशिता को बढ़ावा देने तथा मूक-बधिर नागरिकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। पढिए पूरी खबर

गोरखपुर :  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देशानुसार पुलिस लाइन गोरखपुर में इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) प्रशिक्षण कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यशाला समाज में समावेशिता को बढ़ावा देने तथा मूक-बधिर नागरिकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पुलिसकर्मियों को मूक-बधिर समुदाय के साथ संवाद के आवश्यक कौशल से लैस करना है, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में संवेदनशीलता के साथ निष्पक्ष और कारगर सेवाएं प्रदान कर सकें।

पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल...

इस विशेष अवसर पर गोरखपुर जनपद के विभिन्न थानों से 100 से अधिक पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों ने अत्यधिक उत्साह व गंभीरता के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मूक-बधिर नागरिक भी समाज का अहम हिस्सा हैं और उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनकी समस्याओं को समझना व सहयोग करना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को मूक-बधिरों के साथ व्यवहार में संवेदनशीलता व सम्मान का विशेष ध्यान रखने की प्रेरणा दी।

मूक-बधिर व्यक्तियों के दृष्टिकोण व उनसे संवाद स्थापित

कार्यशाला का संचालन पंकज कुमार गुप्ता (सलाहकार एवं पूर्व अध्यक्ष, डेफ वेलफेयर सोसाइटी, गोरखपुर) के मार्गदर्शन में हुआ। पंकज कुमार ने पुलिसकर्मियों को इंडियन साइन लैंग्वेज के मूलभूत शब्दों, वाक्य संरचना तथा रोजमर्रा की आवश्यक स्थितियों में इसका प्रभावी उपयोग समझाया। इसके अलावा सहजानंद एवं अंकुर श्रीवास्तव (कार्यकारिणी सदस्य, डेफ वेलफेयर सोसाइटी, गोरखपुर) ने मूक-बधिर व्यक्तियों के दृष्टिकोण व उनसे संवाद स्थापित करने की तकनीक पर विशेष प्रकाश डाला।

 पुलिस और नागरिकों के बीच विश्वास व सहयोग 

कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक व्यवहारिक सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने सिखाई गई तकनीकों को उपयोग में लाकर वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास किया। इससे न केवल उनकी समझ और दक्षता में वृद्धि हुई, बल्कि आत्मविश्वास भी प्राप्त हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह पहल समाज में पुलिस और नागरिकों के बीच विश्वास व सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस कार्यशाला के माध्यम से गोरखपुर पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे सभी नागरिकों के प्रति संवेदनशील हैं और हर व्यक्ति को समान सम्मान तथा न्याय दिलाने का संकल्प लें हुए आगे बढ़ रहे हैं। भविष्य में भी इस प्रकार की सामूहिक प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी ताकि मूक-बधिर समुदाय के साथ संवाद का फासला समाप्त हो।

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