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उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 के लिए अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें 24 सार्वजनिक और 31 प्रतिबंधित अवकाश घोषित किए गए हैं। नए कैलेंडर से सरकारी कर्मचारियों को कई अवसरों पर लगातार छुट्टियों का लाभ मिलेगा।
सरकार ने जारी किया अवकाश कैलेंडर
Lucknow: प्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 का सरकारी अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है। इस बार भी कैलेंडर में पिछली बार की तरह 24 सार्वजनिक अवकाश निर्धारित किए गए हैं, जबकि 31 दिन प्रतिबंधित अवकाशों की सूची में शामिल हैं। छुट्टियों के इस शेड्यूल से सरकारी कर्मचारियों को कई अवसरों पर लगातार लंबी छुट्टियां मिलने का लाभ होगा। साथ ही एक अप्रैल को वाणिज्यिक बैंकों के वार्षिक लेखाबंदी दिवस के चलते अवकाश घोषित किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष चौहान द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि गुरु गोविंद सिंह जयंती की तिथि में संशोधन किया गया है। पहले यह अवकाश पाँच जनवरी को घोषित था, लेकिन अब इसे विलोपित कर 27 दिसंबर 2025 को रखा गया है। यह अवकाश प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल रहेगा। तिथि में बदलाव धार्मिक कैलेंडर के अनुरूप किए गए सुधारों के आधार पर हुआ है।
2026 का कैलेंडर सरकारी कर्मचारियों के लिए कई ऐसे अवसर लेकर आया है जब वे दो से चार दिन का लम्बा अवकाश ले सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, 3 जनवरी को हजरत अली जन्मदिवस का अवकाश है और अगले दिन 4 जनवरी को रविवार रहेगा। यानी सप्ताह की शुरुआत कर्मचारियों के लिए आरामदायक होगी।
इसी तरह 25 जनवरी को रविवार और उसके अगले दिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है। दोनों दिन मिलाकर कर्मचारियों को दो दिन की लगातार छुट्टी मिलेगी।
होलिका दहन एवं होली की तिथियां भी कर्मचारियों के लिए फायदा लेकर आएंगी। 1 मार्च रविवार, 2 मार्च सोमवार को होलिका दहन और 4 मार्च बुधवार को होली है। यदि कर्मचारी 3 मार्च मंगलवार को छुट्टी ले लेते हैं तो उन्हें कुल चार दिन का लम्बा अवकाश मिल सकता है।
दीपावली का अवकाश भी लंबे आराम का मौका देगा। 8 नवंबर रविवार को दीपावली, 9 नवंबर सोमवार को गोवर्धन पूजा और 11 नवंबर को भैयादूज व चित्रगुप्त जयंती का अवकाश है। यदि 10 नवंबर मंगलवार को कर्मचारी एक दिन की छुट्टी ले लेते हैं तो उन्हें चार दिन का लम्बा ब्रेक मिल जाएगा।
समाज कल्याण विभाग यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 में सफल अभ्यर्थियों के लिए निशुल्क कोचिंग शुरू करने जा रहा है। यह कोचिंग गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन के छत्रपति शाहूजी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित होगी।
भागीदारी भवन के संयुक्त निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था केवल पुरुष अभ्यर्थियों के लिए है। कोचिंग का लाभ वही अभ्यर्थी ले सकेंगे जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हों तथा जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 6 लाख रुपये से अधिक न हो। साथ ही उनका यूपीपीसीएस प्रीलिम्स 2025 में चयन होना आवश्यक है। ऐसे अभ्यर्थियों को लेटरल एंट्री के तहत प्रवेश दिया जाएगा।
कोचिंग में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को अपने साथ प्रारंभिक परीक्षा का प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों की प्रतियां प्रस्तुत करनी होंगी। इसके साथ ही 2000 रुपये की काउशन मनी भी जमा करनी होगी। दस्तावेज़ों की जांच के बाद ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा।
कोचिंग के दौरान अभ्यर्थियों को न केवल विषय विशेषज्ञों द्वारा नियमित कक्षाएं दी जाएंगी बल्कि मुख्य परीक्षा आधारित उत्तर लेखन अभ्यास भी कराया जाएगा। इसके अलावा परीक्षा पैटर्न पर आधारित विशेष प्रशिक्षण सत्र, मॉडल टेस्ट और आवश्यक अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस पहल से ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के कई प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षा में उनके चयन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।