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चंदौली जिले में अवैध मीट और मुर्गे की दुकानों का संचालन खुलेआम हो रहा है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिले के मुख्यालय क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग–19 (एनएच-19) की ड्रेन पर बिना किसी वैध लाइसेंस के मीट और मुर्गे की दुकानें धड़ल्ले से संचालित की जा रही हैं।
एनएच-19 की ड्रेन पर खुलेआम अवैध मीट बाज़ार
Chandauli: चंदौली जिले में अवैध मीट और मुर्गे की दुकानों का संचालन खुलेआम हो रहा है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिले के मुख्यालय क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग–19 (एनएच-19) की ड्रेन पर बिना किसी वैध लाइसेंस के मीट और मुर्गे की दुकानें धड़ल्ले से संचालित की जा रही हैं। यह पूरा मामला न केवल कानून व्यवस्था बल्कि खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इन दुकानों का संचालन शासनादेश, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 तथा हाईवे से जुड़े नियमों की घोर अनदेखी कर किया जा रहा है। खुले नालों के किनारे मांस की बिक्री से न सिर्फ गंदगी फैल रही है, बल्कि बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद संबंधित विभाग आंख मूंदे बैठे नजर आ रहे हैं।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि संबंधित अधिकारियों ने अवैध संचालन की बात तो स्वीकार की है, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई से बचते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की यह चुप्पी कई तरह के संदेह को जन्म दे रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है।
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भाजपा नेता राणा सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब डीडीयू नगर क्षेत्र में अवैध मीट दुकानों पर कार्रवाई की जा सकती है, तो फिर चंदौली मुख्यालय में एनएच-19 पर चल रहे इस अवैध धंधे पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उन्होंने इसे दबाव का परिणाम बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
चंदौली: जिला प्रशासन की नाक के नीचे एनएच-19 की ड्रेन पर बिना लाइसेंस मीट-मुर्गे की दुकानें संचालित। खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 व हाइवे नियमों की खुलेआम अनदेखी। अफसरों ने अवैध संचालन माना, कार्रवाई पर चुप्पी। भाजपा नेता राणा सिंह ने दबाव डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।… pic.twitter.com/L1OiVZDTgW
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 13, 2025
सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लेकर भी इस मामले में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। राणा सिंह ने कहा कि यदि शासन की मंशा वास्तव में अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त है, तो दबाव बनाने वालों और संरक्षण देने वालों के खिलाफ भी पहले की तरह कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह ने स्वीकार किया कि एनएच-19 पर कुछ स्थानों पर बिना लाइसेंस मीट की दुकानें संचालित होने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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अवैध मीट कॉरिडोर से जहां एक ओर जनस्वास्थ्य खतरे में है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में कब तक ठोस कदम उठाता है।