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ग्रेटर नोएडा के बढ़पुरा गांव की बेटी इशिका की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। गांव में बैठक कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की गई है।
निक्की भाटी और इशिका की फाइल फोटो
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके से एक बार फिर दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बढ़पुरा गांव की बेटी इशिका उर्फ ईशु की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। आरोप है कि दहेज में स्कॉर्पियो गाड़ी और 10 लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने उसकी फांसी लगाकर हत्या कर दी। चार दिन बीतने के बाद भी जब कार्रवाई की रफ्तार धीमी दिखी तो गांव में गुस्सा फूट पड़ा और लोग इंसाफ की मांग को लेकर एकजुट हो गए।
शादी, दहेज और शुरू हुआ अत्याचार
मृतका के पिता जितेंद्र भाटी ने बताया कि 23 नवंबर 2023 को उन्होंने अपनी बेटी इशिका और भतीजी की शादी बागपत जनपद के गोठरा गांव में की थी। शादी में उन्होंने अपनी हैसियत से बढ़कर दान-दहेज दिया, लेकिन इसके बावजूद ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए। पति सचिन, जेठ नवीन और अन्य परिजन लगातार स्कॉर्पियो गाड़ी और 10 लाख रुपये की मांग को लेकर इशिका को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।
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फांसी या हत्या? सवालों में घिरी मौत
24 अक्टूबर की दोपहर गोठरा गांव में इशिका का शव फंदे से लटका मिला। परिजनों का साफ आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि दहेज के लिए की गई हत्या है। मामले में पति सचिन, जेठ नवीन, मांगे और चार महिलाओं के खिलाफ खेकड़ा कोतवाली, बागपत में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। परिजनों ने यह भी बताया कि इशिका की बड़ी बहन को छह महीने पहले दहेज प्रताड़ना के चलते घर से निकाल दिया गया था।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
इशिका के पिता का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई बेहद सुस्त है। इसी नाराजगी के चलते बढ़पुरा गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई, जहां एक स्वर में आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग उठी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री तक शिकायत की जाएगी।
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समाज से उठी कड़ी आवाज
दहेज एक अभिशाप निवारण समिति के संस्थापक मनमिंदर भाटी ने कहा कि दहेज के नाम पर बेटियों की जान ली जा रही है और समाज को अब चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने दहेज दानवों के सामाजिक बहिष्कार और कठोर कानून लागू करने की मांग की, ताकि भविष्य में किसी और बेटी को अपनी जान न गंवानी पड़े।