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सिसवा कस्बे के वार्ड संख्या 17, इंदिरा नगर स्थित असमन छपरा टोले में ज़मीन विवाद को लेकर एक महिला को उसकी खरीदी हुई आवासीय भूमि से बेदखल करने और जान से मारने की धमकियों का मामला सामने आया है।
न्याय की गुहार लगाती पीड़िता
Maharajganj: सिसवा कस्बे के वार्ड संख्या 17, इंदिरा नगर स्थित असमन छपरा टोले में ज़मीन विवाद को लेकर एक महिला को उसकी खरीदी हुई आवासीय भूमि से बेदखल करने और जान से मारने की धमकियों का मामला सामने आया है। दबंगों की धमकी और मानसिक उत्पीड़न से परेशान पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़िता मोतीरानी, निवासी वार्ड 17 इंदिरा नगर, ने बताया कि उन्होंने करीब आठ माह पूर्व उसी वार्ड की निवासी राधे देवी से 550 वर्ग फीट आवासीय भूमि विधिवत बैनामा कर खरीदी थी। रजिस्ट्री के बाद से वह अपने परिवार के साथ उक्त भूमि पर रह रही हैं। पीड़िता का कहना है कि उनका कब्ज़ा पूरी तरह वैध और कानूनन है।
मोतीरानी के अनुसार, गांव के कुछ दबंग उनकी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने की नीयत से लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं। आरोप है कि ये लोग आए दिन उनके घर पहुंचकर गाली-गलौज करते हैं, जबरन घर खाली कराने का दबाव बनाते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। इससे पीड़िता और उसका परिवार भय के साए में जीने को मजबूर है।
मामले का एक गंभीर पहलू यह भी है कि दबंगों द्वारा पीड़िता के बैनामे को चुनौती देते हुए सिविल न्यायालय में वाद दाखिल किया गया है। मोतीरानी का कहना है कि यह वाद अभी न्यायालय में विचाराधीन है और अब तक किसी प्रकार का स्थगन आदेश या उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं हुआ है। इसके बावजूद आरोपी सुभाष न्यायालय के मामले का डर दिखाकर फर्जी कानूनी कार्रवाई की धमकी देता है और मानसिक दबाव बनाता है।
Maharajganj: सिसवा कस्बे के वार्ड 17, इंदिरा नगर (असमन छपरा टोला) में ज़मीन विवाद को लेकर एक महिला को उसकी खरीदी हुई आवासीय भूमि से बेदखल करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। दबंगों की धमकियों और मानसिक उत्पीड़न से परेशान पीड़िता ने SP Maharajganj से मिलकर… pic.twitter.com/yjA3z15l29
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 13, 2025
इस संबंध में सिसवा चौकी प्रभारी उमाकांत सरोज ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। चूंकि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए फिलहाल शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से दोनों पक्षों का शांति भंग में चालान किया गया है।
लगातार मिल रही धमकियों और संभावित बेदखली की आशंका से परेशान होकर पीड़िता ने महराजगंज के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। उन्होंने लिखित शिकायत देकर मांग की है कि न्यायालय के अंतिम निर्णय तक उन्हें और उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए तथा धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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यह मामला एक बार फिर उजागर करता है कि कैसे न्यायालय में लंबित मामलों का सहारा लेकर कमजोर और अकेली महिलाओं पर दबाव बनाया जाता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस प्रशासन पीड़िता को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।