म्यांमार में जबरन साइबर गुलामी से मुक्त हुए इतने भारतीय, जानिए महाराष्ट्र पुलिस ने कैसे हासिल की सबसे बड़ी कामयाबी

महाराष्ट्र पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसको सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 April 2025, 11:18 AM IST
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मुंबई: म्यांमार में जबरन साइबर अपराध करवाने के लिए गुलामी में फंसे 60 से अधिक भारतीय नागरिकों को महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने एक जटिल और बहुस्तरीय अभियान के तहत सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की भी सक्रिय भूमिका रही। इस मामले में एक चीनी-कजाक नागरिक सहित 5 एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर लोगों को धोखे से फंसाकर म्यांमार भेजने का आरोप है।

नौकरी का झांसा, गुलामी की हकीकत

अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों को सोशल मीडिया और फर्जी रोजगार एजेंसियों के माध्यम से थाईलैंड, मलेशिया और अन्य पूर्वी एशियाई देशों में आकर्षक नौकरियों का झांसा दिया गया था। एजेंटों ने उनके लिए पासपोर्ट, वीजा और फ्लाइट टिकट तक का इंतजाम किया। लेकिन थाईलैंड पहुंचने के बाद, उन्हें सीमा पार कर म्यांमार भेज दिया गया। वहां विद्रोही गुटों के कब्जे वाले इलाकों में बने सुरक्षित परिसरों में इन भारतीयों को कैद कर लिया गया। उनसे ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ और फर्जी निवेश योजनाओं जैसे साइबर अपराध जबरन कराए जा रहे थे।

गिरफ्तार आरोपियों में टीवी अभिनेता भी शामिल

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मनीष ग्रे उर्फ मैडी, तैसन उर्फ आदित्य रवि चंद्रन, रूपनारायण रामधर गुप्ता, जेंसी रानी डी और विदेशी नागरिक तलानिति नुलैक्सी के रूप में हुई है। इनमें मनीष ग्रे एक पेशेवर अभिनेता है, जो कई टेलीविजन सीरियल और वेब सीरीज में नजर आ चुका है। पुलिस के अनुसार, मनीष ग्रे ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं की भर्ती की और उन्हें अवैध तरीके से म्यांमार पहुंचाया।

विदेशी महिला बना रही थी भारत में साइबर क्राइम यूनिट की योजना

महाराष्ट्र साइबर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार विदेशी नागरिक तलानिति नुलैक्सी भारत में ही साइबर धोखाधड़ी का एक संगठित नेटवर्क स्थापित करने की योजना बना रही थी। उसके नेटवर्क के जरिये भारत से और अधिक लोगों को भर्ती कर म्यांमार भेजने की तैयारी थी। महाराष्ट्र साइबर पुलिस प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यशस्वी यादव ने बताया कि इस ऑपरेशन में गोवा पुलिस का भी