मुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहने वाली शिक्षिका के खिलाफ एक्शन शुरू, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में छात्रों से अल्पसंख्यक सहपाठी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहने वाली अध्यापिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर:

फाइल फोटो
फाइल फोटो


मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में छात्रों से अल्पसंख्यक सहपाठी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहने वाली अध्यापिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की अध्यापिका द्वारा एक छात्र के स्कूल का कार्य न करने पर उसे कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के संबंध में पीड़ित छात्र के परिजनों की तहरीर पर मंसूरपुर पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

बयान के मुताबिक, स्थानीय पुलिस मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही कर रही है। पुलिस ने बयान में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया है कि अध्यापिका के खिलाफ किन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले की उस शिक्षिका को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की, जिसने अपने छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहा था।

सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कथित वीडियो को सपा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए यह मांग उठाई, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुन: पोस्‍ट किया।

‘एक्‍स’ पर सपा ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, देश को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही। मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त किया जाए। उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।”

हालांकि, सपा प्रमुख के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है।”

श्रीवास्तव ने कहा, “हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं। यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है।”

भाजापा प्रवक्ता ने कहा, “पर अन्य विद्यार्थियों से दंडित कराना गलत है। पुलिस प्रशासन ने घटना को संज्ञान में लिया है और संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।”

उन्होंने कहा, “लेकिन सपा मुखिया द्वारा किया गया ट्वीट समाज में विद्वेष फैलाने और सरकार की छवि खराब कर वोट की असफल राजनीति करने का हिस्सा है।”

वहीं, पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मामले को लेकर ‘एक्‍स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं, राष्ट्र भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। देश के भविष्य का सवाल है।”

छात्र की पिटाई का कथित वीडियो मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्‍बापुर स्थित गांव के एक निजी स्कूल का बताया जा रहा है। आरोप है कि दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र की शुक्रवार को उसकी कक्षा के अन्य छात्रों ने पिटाई कर दी और अध्यापिका के निर्देश पर उसे एक के बाद एक थप्पड़ मारे। यह भी आरोप है कि वीडियो में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।

मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि संबंधित स्कूल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा, जिसकी शिक्षिका तृप्ति त्यागी के निर्देश पर एक विशेष समुदाय के लड़के को दूसरे समुदाय के सहपाठियों ने पीटा।

शुक्ला ने स्पष्ट किया कि जांच टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आधिकारिक टीम जांच के लिए मौके पर गई है।

इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने पीड़ित के पिता से टेलीफोन पर बात की और आश्वासन दिया कि अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वहीं, मामले में अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी शिक्षिका ने सफाई दी कि जो वीडियो वायरल हुआ है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गांव में लोगों की भीड़ जमा हो गई है। शिक्षा विभाग की जो टीम मौके पर पहुंची है, उसे भी जांच में परेशानी का सामना करना पड़ा है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी रविशंकर ने शुक्रवार को बताया था कि वीडियो की जांच से प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि स्कूल का काम पूरा न करने पर छात्र की पिटाई की गई थी और इसमें कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं कही गई है।










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