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ICC ने 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक के लिए 6 टीमों की एंट्री तय कर दी है, जिसमें महाद्वीपीय प्रतिनिधित्व के आधार पर भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और वेस्टइंडीज को जगह मिल सकती है। इस नियम से पाकिस्तान बाहर हो सकता है।
ओलंपिक से बाहर होगा पाकिस्तान (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: 128 साल के लंबे इंतजार के बाद क्रिकेट एक बार फिर ओलंपिक में वापसी कर रहा है। लॉस एंजेलेस ओलंपिक 2028 में क्रिकेट को आधिकारिक तौर पर शामिल किया गया है, लेकिन इस बार सिर्फ छह टीमों को टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने खिलाड़ियों की एंट्री के लिए योग्यता तय कर दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ICC की सिंगापुर में हुई वार्षिक आमसभा (AGM) के दौरान यह निर्णय लिया गया कि क्रिकेट में ओलंपिक के लिए महाद्वीप आधारित चयन प्रणाली अपनाई जाएगी। जिसके तहत भारत को एशिया से, ऑस्ट्रेलिया को ओशिनिया से, इंग्लैंड को यूरोप से, दक्षिण अफ्रीका को अफ्रीका से और मेजबान अमेरिका को सीधे एंट्री दी जाएगी। छठी टीम के रूप में कैरेबियाई देशों (वेस्टइंडीज) को शामिल किया जा सकता है।
🚨 NO PAKISTAN TEAM IN 2028 OLYMPICS 🚨
- "The Pakistan Cricket Team is likely to miss out on the 2028 Los Angeles Olympics after the ICC confirmed the qualification scenario during its AGM in Singapore." (The Guardian). pic.twitter.com/E5yLoQoq9Q
— Tanuj (@ImTanujSingh) July 31, 2025
ऐसे में पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे मजबूत क्रिकेट राष्ट्र इस सूची में शामिल नहीं हो पाएंगे। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इस फैसले से बेहद नाराज है और उसने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई है।
ICC के इन मानदंडों को महिला क्रिकेट के लिए भी अपनाया जा सकता है। यानी महिला टीमें भी इन्हीं महाद्वीपीय प्रतिनिधित्व के आधार पर चुनी जाएंगी, जिससे पुरुष और महिला दोनों टूर्नामेंटों में केवल 6-6 टीमें ही भाग लेंगी।
खबरों के मुताबिक, ओलंपिक में क्रिकेट का फॉर्मेट T20 ही रखा जाएगा ताकि मैचों की संख्या सीमित रहे और दर्शकों की रुचि भी बनी रहे। इस फॉर्मेट में भारत मौजूदा चैंपियन है। ऐसे में सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम पर प्रदर्शन का दबाव अधिक होगा।
क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किए जाने से खेल की लोकप्रियता को नया आयाम मिलेगा, खासकर अमेरिका जैसे देशों में जहां अब तक क्रिकेट मुख्यधारा का खेल नहीं रहा है। सभी चयनित टीमें पहले से ही अपनी रणनीतियों और खिलाड़ियों की फिटनेस पर काम कर रही हैं ताकि ओलंपिक गोल्ड को अपने नाम किया जा सके।