

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में कई खिलाड़ियों को मौका मिला, लेकिन अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव और अभिमन्यु ईश्वरन को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ये तीनों खिलाड़ी पूरे दौरे में बेंच पर बैठे रहे।
शुभमन गिल और गौतम गंभीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला 31 जुलाई से लंदन के केनिंग्टन ओवल में खेला जा रहा है। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। यह मैच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का आखिरी मुकाबला है, जिसमें दोनों टीमें सीरीज जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। भारत ने इस मैच के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन में कई बदलाव किए, लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्हें पूरी सीरीज में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। वह केवल पानी पिलाते ही रह गए।
भारतीय टीम में शामिल अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव और अभिमन्यु ईश्वरन को इस पूरे दौरे में कोई भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ये तीनों खिलाड़ी डगआउट में पानी की बोतलें लेकर नजर आए लेकिन मैदान पर बल्ला या गेंद नहीं थाम पाए।
जहां एक ओर अंशुल कंबोज जैसे नए खिलाड़ी को डेब्यू का मौका मिला, वहीं कुलदीप यादव जैसे अनुभवी स्पिनर और युवा तेज गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह को नजरअंदाज किया गया। इसके अलावा सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को भी नजरअंदाज करना क्रिकेट विशेषज्ञों को पसंद नहीं आया। खासकर तब जब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है।
अभिमन्यु ईश्वरन लंबे समय से भारत के लिए टेस्ट डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं। इस बार माना जा रहा था कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ईश्वरन के फर्स्ट क्लास आंकड़े शानदार हैं, उन्होंने अब तक 103 मैचों में 48.70 की औसत से 7841 रन बनाए हैं, जिसमें 27 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं।
वहीं, अर्शदीप सिंह भी इस सीरीज में अपनी टेस्ट कैप पाने की उम्मीद कर रहे थे। सीम गेंदबाजी में अर्शदीप ने लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में भारत के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के लिए उन्हें अब भी इंतजार करना होगा।
पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने भी बार-बार इन खिलाड़ियों को मौका देने की वकालत की थी, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने अपनी योजना में बदलाव नहीं किया। तीनों खिलाड़ियों के न खेल पाने से यह सवाल भी उठता है कि क्या चयनकर्ताओं और मैनेजमेंट की सोच में लचीलापन है या नहीं। अब देखना यह होगा कि भविष्य की टेस्ट सीरीज में इन खिलाड़ियों को मौका मिलता है या वे फिर से सिर्फ पानी पिलाने तक ही सीमित रह जाते हैं।