

DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर महेंद्र प्रसाद को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को मोबाइल फोन से कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। जांच एजेंसियां उसके नेटवर्क की तह में जाने की तैयारी कर रही हैं।
सेना की जानकारी पाकिस्तान को देने वाला महेंद्र प्रसाद गिरफ्तार
Jaipur: राजस्थान के जैसलमेर में स्थित DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर महेंद्र प्रसाद को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस सीआईडी ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत यह गिरफ्तारी की है। पुलिस ने पहले महेंद्र प्रसाद को 4 अगस्त को हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसे तीन दिन पहले जयपुर लाया गया और फोरेंसिक जांच के आधार पर उसकी औपचारिक गिरफ्तारी की गई।
गिरफ्तार महेंद्र प्रसाद उत्तराखंड का रहने वाला है और कई वर्षों से जैसलमेर के DRDO गेस्ट हाउस में संविदा के आधार पर मैनेजर के पद पर कार्यरत था। इस भूमिका में होने के कारण वह सेना के अधिकारियों और DRDO के वैज्ञानिकों के संपर्क में आसानी से आ जाता था। उसकी यह भूमिका उसे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में मददगार साबित हुई, जिसे वह कथित रूप से पाकिस्तान को भेजता था।
पुलिस की गिरफ्त में महेंद्र प्रसाद (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
पुलिस के अनुसार, महेंद्र प्रसाद के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पुष्टि हुई है कि वह पाकिस्तानी हैंडलर को भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी दे रहा था। यह भी संदेह है कि उसने हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी पाकिस्तान को भारतीय सेना के मूवमेंट्स की जानकारी दी थी।
महेंद्र प्रसाद की जासूसी गतिविधियों में गेस्ट हाउस में रुकने वाले अधिकारियों की पहचान, मुलाकातें और बातचीत शामिल थी, जिसे वह सोशल मीडिया ऐप्स और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए पाकिस्तान भेजता था। यह भी सामने आया है कि वह पैसों के बदले यह काम कर रहा था और कई सालों से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था।
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या महेंद्र प्रसाद के साथ इस जासूसी नेटवर्क में कुछ और लोग भी शामिल थे। उसे जल्द ही जयपुर की सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां इंटेलिजेंस सीआईडी उसकी रिमांड की मांग करेगी ताकि उससे और गहराई से पूछताछ की जा सके।
गिरफ्तारी से पहले जैसलमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए महेंद्र प्रसाद ने खुद को बेगुनाह बताया था, लेकिन मोबाइल से मिले डेटा और टेक्निकल रिपोर्ट ने उसके दावों की पोल खोल दी। अब पुलिस उसके नेटवर्क, फंडिंग और विदेशी संपर्कों की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है।
इस गिरफ्तारी ने DRDO जैसे संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और जांच एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है।