Bihar Polls: 5 साल में 3 गठबंधन, 20 सालों से बिहार पर राज, जानिये कैसे ‘पलटू राम’ नीतीश की हर चाल बनी मास्टरस्ट्रोक

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखें घोषित कर दी हैं। पिछले पांच वर्षों में बिहार की राजनीति में कई बड़े बदलाव आए, लेकिन सीएम नीतीश की सत्ता में स्थिरता बनी रही। यहां 2020 से अब तक के राजनीतिक और आगामी चुनाव की पूरी जानकारी दी गई है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 6 October 2025, 8:14 PM IST
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Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। पिछले पांच सालों में बिहार की राजनीति में कई गठबंधनों के बदलाव और राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं, फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सत्ता में डटे रहे। इस खबर में हम 2020 के चुनाव नतीजों से लेकर अब तक की राजनीतिक स्थिति, गठबंधन, सीटों का गणित और आगामी चुनाव तक की पूरी कहानी विस्तार से जानेंगे।

चुनाव 2025 की तारीखें और प्रक्रिया

निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान की तारीखें जारी कर दी हैं। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। सभी सीटों की मतगणना 14 नवंबर को एक साथ कराई जाएगी। चुनाव पूरी तरह पारदर्शी और शांतिपूर्ण कराने का चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है।

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2020 के बिहार विधानसभा चुनाव

2020 में बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक हुए थे। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच था। एनडीए में भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी शामिल थे, जबकि महागठबंधन में राजद, वाम दल और कांग्रेस शामिल थीं।

• कुल 243 सीटों में से एनडीए ने 125 सीटें जीतीं।
o भाजपा 74 सीटें
o जदयू 43 सीटें
o विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) 4 सीटें

• महागठबंधन ने 110 सीटें हासिल कीं।
o राजद 75 सीटें
o कांग्रेस 19 सीटें
o वाम दल (सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल) 16 सीटें

• अन्य:
o लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) 1 सीट
o एआईएमआईएम 5 सीटें
o बसपा 1 सीट
o 1 निर्दलीय विधायक

नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिरता

भले ही 2020 में जदयू को एनडीए के भीतर सबसे कम सीटें मिलीं (43), लेकिन मुख्यमंत्री पद पर नीतीश कुमार की पकड़ मजबूत रही। भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का दावा नहीं किया, लेकिन कैबिनेट में भाजपा का दबदबा बढ़ गया। भाजपा को जदयू से ज्यादा मंत्री पद मिले और दो उप मुख्यमंत्री भी भाजपा के बनाए गए।

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2022 में सियासी ड्रामा

अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने भाजपा पर अपनी पार्टी को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाकर एनडीए से वापसी की। इसके बाद उन्होंने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का समर्थन किया और फिर मुख्यमंत्री बने।

मुख्य कारण

• जदयू की सीटें घटकर 71 से 43 रह गईं।
• भाजपा की सीटें बढ़कर 53 से 74 हो गईं।
• भाजपा ने जदयू के खिलाफ लोजपा को समर्थन दिया।
• पार्टी नेतृत्व में असंतोष और उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर असहजता।
• केंद्र में जदयू के नेता आरसीपी सिंह के कारण जदयू के भीतर विभाजन के डर।

महागठबंधन के साथ सत्ता संभालना

2022 में नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद सीटों का गणित बदल गया। गठबंधन के विधायकों की संख्या 160 तक पहुंच गई। इस गठबंधन में शामिल थीं राजद (79), जदयू (45), कांग्रेस (19), वाम दल (16) और हम (4)। उपचुनावों और पार्टी बदलने के कारण यह संख्या समय के साथ बदली।

2024 में एनडीए में वापसी

महागठबंधन में नेता और गठबंधन रणनीति के चलते नीतीश कुमार की नाराजगी बढ़ी। विपक्षी गठबंधन के भीतर विवाद और नेतृत्व को लेकर असहमति के कारण नीतीश 17 महीने बाद फिर एनडीए में लौटे।

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वर्तमान विधानसभा में सीटों का गणित और गठबंधन

28 जनवरी 2025 को नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार से इस्तीफा दिया। तब उनके पास 45 विधायकों वाली जदयू थी, लेकिन भाजपा के 78 और हम के 4 विधायकों के समर्थन से उन्हें कुल 128 विधायकों का समर्थन मिला।

उपचुनाव और विधायकों के दल बदल से बदलता समीकरण

• भाजपा ने उपचुनावों में राजद की कई सीटें जीतीं और विकासशील इंसान पार्टी के विधायकों को भाजपा में मिला लिया।
• जदयू ने बसपा और लोजपा के विधायकों को अपने साथ जोड़ा, लेकिन एक विधायक राजद में चला गया।
• राजद ने असद्दुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के कुछ विधायकों को अपने साथ जोड़ा।
• भाकपा माले की संख्या घटकर 11 रह गई।
• हम पार्टी के विधायक स्थिर रहे।
• AIMIM के एक विधायक को छोड़ बाकी राजद के साथ हैं।
• VIP पार्टी खत्म हो गई, उसके विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया।

बिहार में सियासत

2025 का विधानसभा चुनाव बिहार की राजनीति के लिए नया मोड़ साबित हो सकता है। हाल के वर्षों की उठापटक और बदलते गठबंधन राज्य की राजनीतिक तस्वीर को हमेशा बदलते रखे हैं। वोटर बेस की स्थिरता और नेताओं की रणनीति पर ही इस बार भी चुनाव का नतीजा निर्भर करेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए और तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने सभी चरणों के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था और निष्पक्ष मतदान का भरोसा दिया है।

चुनाव के लिए तैयारी और मतदाता जागरूकता

चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को आचार संहिता का पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अधिकतम संख्या में मतदान करें और लोकतंत्र को मजबूत करें। बिहार में कुल 7.41 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनकी सक्रिय भागीदारी चुनाव की दिशा तय करेगी।

आगामी बिहार चुनाव पर नजर

• बिहार की 243 सीटें तय करेंगी कि कौन सी पार्टी या गठबंधन राज्य की सत्ता पर काबिज होगा।
• राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस चुनाव में नए वोटर बेस, जातीय समीकरण और विकास मुद्दे अहम भूमिका निभाएंगे।
• पिछले चुनावों में गठबंधन में आए बदलावों ने मतदाताओं को अस्थिर कर दिया है, इसलिए पार्टी रणनीतियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

Location : 
  • Patna

Published : 
  • 6 October 2025, 8:14 PM IST