

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें निराधार बताया। आयोग ने कहा कि वोट हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और विधिक होती है। आलंद विधानसभा क्षेत्र के मामले में चुनाव आयोग ने मामले की जांच करवाई थी।
राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब
New Delhi: चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयुक्त (CEC) पर लगाए गए आरोपों को सख्त शब्दों में खारिज किया है और उन्हें आधारहीन तथा गलत बताया है। राहुल गांधी ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने आम नागरिकों के वोट ऑनलाइन हटाए हैं और इस संबंध में कुछ गड़बड़ी हुई है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी आम नागरिक द्वारा वोट हटाने की कोई संभावना नहीं है और न ही ऐसा कोई मौका दिया जाता है।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, 'राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत और निराधार हैं। किसी भी नागरिक का वोट बिना उचित प्रक्रिया और सुनवाई के हटाया नहीं जा सकता।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के चुनावी तंत्र में किसी भी नागरिक का मत सिर्फ विधिक प्रक्रिया के तहत ही बदल सकता है, और इसकी निगरानी और नियंत्रण चुनाव आयोग के पास होता है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को किया खारिज
आलंद विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए आयोग ने बताया कि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ असफल प्रयास किए गए थे, जिसमें कुछ मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, यह प्रयास असफल रहा और आयोग ने इसकी पूरी जांच की थी।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि आलंद विधानसभा क्षेत्र से 2018 में सुभाध गुट्टेदार (भा.ज.पा.) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) ने चुनाव जीते थे। इससे यह साफ हो गया कि राहुल गांधी द्वारा उठाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
इस बयान के साथ ही चुनाव आयोग ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत में चुनावों के दौरान वोटिंग प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष होती है। आयोग ने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना को सिरे से नकारा और चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।