

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, आरोपित करते हुए कहा कि आयोग भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है और सत्ताधारी पार्टी के प्रति पक्षपाती रवैया अपना रहा है। कांग्रेस ने सीईसी ज्ञानेश कुमार के बयान का विरोध किया और सोशल मीडिया मीम्स के जरिए पलटवार किया। पार्टी ने सवाल उठाया कि क्या आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगा।
चुनाव आयोग पर कांग्रेस का हमला
New Delhi: कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग ने झूठ बोला और भाजपा के साथ मिलीभगत कर काम किया है। यह प्रतिक्रिया मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार द्वारा राहुल गांधी को माफी मांगने के लिए कड़े शब्दों में कहने के बाद आई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आयोग ने विपक्षी दलों के साथ भेदभाव किया और सत्ताधारी दल के पक्ष में काम किया। इस बीच, कांग्रेस ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर आयोग पर कई तरह के हमले किए।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के उस बयान को हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग न तो सत्ताधारी और न ही विपक्षी दल के बीच कोई भेदभाव करता है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आयोग ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों का कोई सार्थक जवाब नहीं दिया और अपनी अक्षमता के साथ पक्षपाती रवैया भी उजागर किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश को लागू करेगा, खासकर बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर।
सोशल मीडिया पर कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमले किए। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सीईसी ज्ञानेश कुमार का एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें वे कहते हैं कि "आयोग के सामने पक्ष और विपक्ष दोनों बराबर होते हैं।" इसके बाद राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप भी साझा की गई, जिसमें वे भाजपा से हलफनामा मांगने की चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक और मीम पोस्ट किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एआई-जनित तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इस तस्वीर में मोदी के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, डॉ विवेक जोशी और डॉ सुखबीर सिंह को दिखाया गया है। इसके साथ 'बोल ये रहे हैं, शब्द मेरे हैं' जैसे शब्द जोड़े गए। कांग्रेस ने इसे भाजपा और चुनाव आयोग के बीच कथित मिलीभगत को उजागर करने की कोशिश के रूप में पेश किया।
भाजपा और चुनाव आयोग पर कांग्रेस के आरोप
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच गहरे संबंध हैं। एक मीम में पार्टी ने फिल्मी क्लिप का उपयोग किया, जिसमें "बहुत याराना लगता है" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भाजपा और चुनाव आयोग के बीच रिश्ते की ओर इशारा किया गया। कांग्रेस ने यह दावा किया कि दोनों संस्थाओं में साझी रणनीतियां बनाई जाती हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं।
'सांविधानिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे'
इस बीच, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में चुनाव आयोग की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु का प्रत्येक नागरिक वोट देने का हकदार है, और चुनाव आयोग किसी भी राजनीतिक दल के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग अपने सांविधानिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगा और सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करेगा। ज्ञानेश कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग के लिए न तो कोई विपक्ष है और न ही कोई पक्ष। सभी समान हैं। चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों का पालन करेगा और किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचने की पूरी कोशिश करेगा।"
कांग्रेस और चुनाव आयोग का टकराव
कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच यह टकराव भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। जहां कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को अपनी निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है, वहीं चुनाव आयोग अपनी स्थिति को स्पष्ट कर रहा है कि वह संविधान के तहत काम करेगा और किसी भी पार्टी के दबाव में नहीं आएगा। इस विवाद ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को लेकर देश में व्यापक चर्चा शुरू कर दी है, खासकर विपक्षी दलों के बीच। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग के इस रवैये से लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।