

गौतमबुद्ध नगर में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई गांवों में पानी भर गया है। हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई और अवैध फार्म हाउस जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर (Img: Google)
New Delhi: राजधानी में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब गौतमबुद्ध नगर में दिखाई देने लगा है। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं और किसान बड़ी मुसीबत में हैं।
कई गांवों में डूबी फसल
कोंडली बांगर, गढ़ी समसपुर, कामबख्शपुर, डेरीन, गुलावली, याकूतपुर, मोमनाथल, मंझावली और कुलेसरा जैसे गांवों में हजारों बीघा फसल पानी में डूब चुकी है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और उन्हें अब अपनी आजीविका की चिंता सताने लगी है। कोंडली के किसान करतार सिंह भाटी ने बताया कि “सारी फसल खत्म हो गई है, और अगर जलस्तर और बढ़ा, तो शहर के सेक्टरों में भी खतरा हो सकता है।”
वहीं, यमुना किनारे अवैध रूप से बने फार्म हाउस भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नोएडा से लेकर जेवर तक फैले इन फार्म हाउसों में अक्सर पार्टियां होती थीं। अब ये पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। प्रशासन की मदद से इन फार्म हाउसों में रह रहे लगभग 300 लोग और दर्जनों जानवरों (कुत्ते, घोड़े आदि) को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
अलर्ट पर प्रशासन
स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी जलस्तर पर नजर रखे हुए हैं और हर घंटे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जाए और पशुओं के लिए अस्थायी आश्रय बनाए जाएं। एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों को स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। प्रशासन की ओर से डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों की मानें तो यमुना का जलस्तर अगर इसी तरह बढ़ता रहा, तो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के शहरी क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। बाढ़ से बचाव के लिए अब दीवारों और तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है।