

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मिर्जापुर में गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण सहित कई सम्मान प्राप्त थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन
Mirzapur/ New Delhi: भारत की शास्त्रीय संगीत धारा के एक महान गायक, पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। गुरुवार सुबह मिर्जापुर स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक गहरी क्षति है। पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनकी गायकी के लिए व्यापक प्रशंसा मिली थी और उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था, जिसमें 2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
जानकारी के अनुसार, पंडित छन्नूलाल मिश्र का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं था। सितंबर में उन्हें सीने में संक्रमण के कारण बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनका इलाज हुआ और वह कुछ समय बाद डिस्चार्ज होकर मिर्जापुर वापस लौट आए थे। बावजूद इसके, उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन से शास्त्रीय संगीत जगत में एक शून्य पैदा हो गया है।
पंडित छन्नूलाल मिश्र
उनकी बेटी नम्रता ने बताया कि पंडित छन्नूलाल मिश्र का अंतिम समय मिर्जापुर में उनके घर पर ही बीता। छन्नूलाल मिश्र का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह मिर्जापुर से वाराणसी लाया जाएगा, जहां शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पंडित छन्नूलाल मिश्र को जब सितंबर में सीने में संक्रमण हुआ था, तो उन्हें बीएचयू के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जांच में उनका हीमोग्लोबिन कम पाया गया और उनके शरीर में कई अन्य समस्याएं भी उभर आई थीं। हालांकि, बीएचयू में इलाज के बाद उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक हुआ था और वे डिस्चार्ज होकर मिर्जापुर लौटे थे। मिर्जापुर में भी उनका इलाज जारी था, जहां उनकी स्वास्थ्य टीम ने उनके इलाज पर लगातार ध्यान दिया।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का पीएम मोदी से भी खास कनेक्शन था। वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, तो पंडित छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे। मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि पंडित जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने भारतीय संगीत को समृद्ध किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमिट छाप छोड़ी।
सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे जीवनपर्यंत भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान… pic.twitter.com/tw8jb5iXu7
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2025
पंडित छन्नूलाल मिश्र को शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। पंडित छन्नूलाल मिश्र का गायन शास्त्रीय संगीत के प्रत्येक पहलू को जीवित रखता था और उनकी गायकी में एक शुद्धता और गहराई थी, जो उन्हें भारतीय संगीत के एक उस्ताद के रूप में प्रतिष्ठित करती थी।
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उनके निधन से शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक बहुत बड़ी क्षति हुई है, लेकिन उनका संगीत और उनके योगदान हमेशा जीवित रहेगा। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर रहेगी।
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