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हरियाणा के रोहतक में नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक का प्रैक्टिस के दौरान पोल गिरने से निधन हो गया। घटना सीसीटीवी में कैद हुई। दो दिन पहले बहादुरगढ़ में भी एक और खिलाड़ी की मौत हुई थी। हादसों ने खेल स्टेडियमों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बास्केटबॉल ग्राउंड में पोल गिरने से खिलाड़ी की मौत
Rohtak: हरियाणा के रोहतक जिले के लाखन माजरा गांव में एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 16 वर्षीय नेशनल लेवल बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, हार्दिक रविवार सुबह करीब 10 बजे गांव के खेल ग्राउंड में अकेले प्रैक्टिस कर रहा था। वह बास्केटबॉल पोल से लटकने की कोशिश कर रहा था। पहली बार जब उसने ऐसा किया, तो सब कुछ सामान्य रहा।
लेकिन दूसरी बार पोल पकड़ते ही लोहे का भारी पोल सीधे उसके ऊपर गिर पड़ा। हादसा वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जिसके बाद, पास ही अभ्यास कर रहे खिलाड़ियों ने तुरंत हार्दिक को बाहर निकाला और PGI रोहतक ले गए। हालांकि, कुछ देर इलाज के बाद हार्दिक ने दम तोड़ दिया।
हरियाणा के लाखन माजरा में 16 वर्षीय नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक प्रैक्टिस के दौरान पोल गिरने से घायल होकर PGI रोहतक में दम तोड़ दिया।@police_haryana #Haryana #Basketball #SportsSafety #TragicAccident #Rohtak pic.twitter.com/QcDPzZD3Bm
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 26, 2025
जानकारी के अनुसार, हार्दिक ने नेशनल स्तर की कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीते थे। कांगड़ा में सिल्वर, हैदराबाद में ब्रॉन्ज और पुडुचेरी में एक और ब्रॉन्ज जीतने वाले हार्दिक की अचानक मौत से परिवार और गांव में शोक की लहर है।
बता दें कि यह पहली घटना नहीं है। दो दिन पहले ही बहादुरगढ़ के होशियार सिंह स्टेडियम में 15 वर्षीय अमन का भी बास्केटबॉल पोल गिरने से निधन हो गया था। अमन भी PGI रोहतक ले जाने के बावजूद बचाया नहीं जा सका। दोनों हादसों ने हरियाणा में खेल स्टेडियमों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि खेल मैदानों में बास्केटबॉल पोल और अन्य संरचनाओं की नियमित जांच और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की अत्यंत आवश्यकता है।
स्थानीय लोगों और खेल प्रेमियों ने सरकार से मांग की है कि सभी स्टेडियमों और खेल मैदानों में लगी संरचनाओं की तत्काल जांच कराई जाए। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा उपाय समय रहते अपनाए जाएं, तो भविष्य में युवा खिलाड़ियों की जान बचाई जा सकती है। हरियाणा में लगातार युवा खिलाड़ियों की इस तरह की मौतें खेल समुदाय और परिवारों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। प्रशासन और खेल विभाग पर दबाव है कि वह तत्काल ठोस कदम उठाए और सुरक्षा मानकों को लागू करे।