चीन का दावा फेल! MEA का करारा जवाब-अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग; भारतीय महिला की हिरासत पर जताई तीखी आपत्ति

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के भड़काऊ दावों और एक भारतीय महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर रोके जाने पर कड़ा विरोध जताया है। MEA ने साफ कहा कि अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन का कोई भी बयान इस तथ्य को बदल नहीं सकता।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 November 2025, 8:43 AM IST
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New Delhi: भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर चल रही तनातनी एक बार फिर सुर्खियों में है। चीन की ओर से जारी नए भड़काऊ बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और चीन का कोई भी दावा इस सत्य को बदल नहीं सकता। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन की ओर से जारी बयान को “अस्वीकार्य और तथ्यहीन” बताया।

MEA का कड़ा विरोध

दरअसल, इस मामले ने तब तूल पकड़ा, जब ब्रिटेन में रह रहीं भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक को शंघाई एयरपोर्ट पर करीब 18 घंटे तक रोककर रखा गया। वे लंदन से जापान जा रही थीं और शंघाई में सिर्फ तीन घंटे का ट्रांजिट होना था, लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को सिर्फ इसलिए अवैध बताया क्योंकि उनका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश लिखा था, जिसे चीन अपना क्षेत्र बताता है।

MEA प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि भारतीय नागरिक के पास पूरी तरह वैध पासपोर्ट था और वह निर्धारित यात्रा के अनुसार आगे जाना चाहती थीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा नियमों का सीधा उल्लंघन है और भारत ने इस मुद्दे को दृढ़ता से उठाया है। चीन अभी तक अपनी इस कार्रवाई का तार्किक स्पष्टीकरण नहीं दे पाया है।

चीन अपने ही नियमों का पालन नहीं कर पाया

MEA ने यह भी बताया कि चीन की यह कार्रवाई उसके अपने वीजा-फ्री 24 घंटे ट्रांजिट नियम के भी खिलाफ है, जिसके तहत किसी भी देश का यात्री बिना वीज़ा 24 घंटे तक ट्रांजिट कर सकता है। इस घटना ने न केवल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया है बल्कि चीन की मनमानी कार्यप्रणाली को भी उजागर किया है।

थोंगडोक ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें घंटे भर पूछताछ की गई, उनके दस्तावेज छीन लिए गए और उन्हें बिना किसी स्पष्ट कारण 18 घंटे तक रोका गयाउन्होंने इसेमानसिक प्रताड़ना जैसा अनुभवबताया

चीन का विवादित बयान

भारत के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दावा किया कि महिला के साथ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या हिरासत नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि चीन सिर्फ “कानून के अनुसार प्रक्रिया” का पालन कर रहा था और यात्री के अधिकार सुरक्षित थे।

इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को दोहराते हुए कहा कि “जंगनान चीन का हिस्सा है” और भारत का अरुणाचल पर प्रशासन “अवैध” है। चीन के इस विवादित बयान ने भारत में आक्रोश बढ़ा दिया है।

अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा

MEA ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन का कोई अधिकार नहीं और भारत की भौगोलिक संप्रभुता को चुनौती देने वाले किसी भी बयान का कड़े शब्दों में विरोध किया जाएगा। भारत ने स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश न केवल भारत का राज्य है बल्कि वहां का प्रशासन, संस्कृति और जनजीवन सदियों से भारतीय ढांचे का हिस्सा रहा है।

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  • 26 November 2025, 8:43 AM IST